*स्वयं के विधानसभा क्षेत्र में ही रोकले रेत का अवैध* *उत्खनन,नहीं तो जनता से माफी मांगना सिर्फ ढकोसले बाजी
*स्वयं के विधानसभा क्षेत्र में ही रोकले रेत का अवैध*
*उत्खनन,नहीं तो जनता से माफी मांगना सिर्फ ढकोसले बाजी
भिंड – मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता विवेक तनख्वाह के रेत अवैध उत्खनन मामले में ट्वीट के बाद मैं खुद की नाकामी को बताकर सामान्य प्रशासन मंत्री एवं सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह के अजीबो गरीब बयान पर मध्यप्रदेश की राजनीति में बड़ी उथल-पुथल मच गई है,इसी उथल पुथल को देखते हुए भाजपा के प्रवक्ता अर्पित मुद्गल ने बयान को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि कुछ ही दिनों पूर्व हुए चर्चित सर्किट हाउस कांड में मंत्री आरिफ अकील के कथित भांजे के मामले में मंत्री गोविंद सिंह जी ने एक शब्द भी नहीं कहा और ना ही कार्यवाही के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए और अब तनख्वाह जी के रेत उत्खनन ट्वीट पर बात चली तो उन्होंने साफ तौर पर कह दिया कि हां मैं रेत के अवैध उत्खनन को रोकने में नाकाम रहा हूं,जनता मुझे माफ़ करे,यह दोहरा चरित्र उनकी ओछी राजनीति को दर्शाता है यदि उन्हें सही मायनों में जनता से माफी मांगनी है तो अपने पद को त्याग कर मुख्यमंत्री को इस्तीफा दें और घर बैठे, उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या मुख्यमंत्री कमल नाथ सिंह के मंत्रिमंडल में कोई भी मंत्री कार्य नहीं करता है क्या.?यदि वह अपनी असमर्थता उजागर करते हैं तो उन्हें निश्चित ही अपने गरिमामयी पद को त्याग देना चाहिए ,नेता, अधिवक्ता मुद्गल ने सवाल उठाते हुए कहा कि माननीय मंत्री सिंह के विधानसभा क्षेत्र मैं ही सबसे अधिक खदानें हैं और उनमें से ज्यादातर रेत की अवैध खदानें माननीय मंत्री महोदय के विधानसभा क्षेत्र में ही संचालित हैं जिसमें पूर्ण रूप से उनके कार्यकर्ता एवं स्थानीय प्रशासन संलिप्त है जिसके चलते भिंड जिले में रेत का अवैध उत्खनन थमने का नाम नही ले रहा है, उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि यदि वह प्रदेश में अवैध उत्खनन की हालत नहीं सुधार पा रहे हैं तो कम से कम अपनी विधानसभा क्षेत्र में ही पूर्ण रूप से अवैध उत्खनन बंद कराने के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देश दें ,और यदि स्थानीय प्रशासन कार्यवाही न करे तो ऐसे भ्रस्ट,निकृष्ट प्रशासन का तबादला कर दे आखिर वह भी सामान्य प्रशासन मंत्री हैं, ताकि आने वाले समय में नदियों का स्तर सुधरे और प्राकृतिक दंड से स्थानीय जनता को निजात मिले,यदि कार्यवाही न कर पाए तो जनता नेता जी की माफी को केवल मगरमच्छ के आँसू ही समझेगी।