एक ही शख्स के नाम पर 1500 आयुष्मान कार्ड, बड़े फर्जीवाड़े ने मचाया तहलका

कच्छ: गुजरात के कच्छ जिले में एक ही शख्स के नाम पर 1500 आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के फर्जीवाड़ा मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस मामले में उन कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है जो इस फ्रॉड में शामिल थे. यहां मल्टीपरपज हेल्थ वर्कर द्वारा डुप्लीकेट गोल्डनकार्ड बनाये जाने का घोटाला किया जा रहा था.

भारत सरकार ने सिंतबर 2018 में आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना को लॉन्च किया था. इस योजना के तहत गरीब परिवारों को आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाकर दिए जाते हैं और उन्हें 5 लाख तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिलती है.

दरअसल,  कच्छ जिले के रापर तालुका के खड़ेक गांव में एक ही व्यक्ति के नाम पर 1500 आयुष्मान कार्ड बनाये गए, जिसकी शिकायत दर्ज हुई. इसके बाद आयुष्मान योजना का फ्रॉड सामने आया है.

हेल्थ वर्कर कर रहे थे घोटाला
फतेहगढ़ प्राथमिक आरोग्य केंद्र में आयुष्मान भारत जान आरोग्य योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाकर दिए जा रहे हैं. यहां मल्टीपरपज हेल्थ वर्कर द्वारा डुप्लीकेट गोल्डनकार्ड बनाये जाने का घोटाला किया जा रहा था. जिला आरोग्य विभाग की सूचना के बाद इंचार्ज रापर तालुका आरोग्य अधिकारी ने फतेहगढ़ आरोग्य केंद्र डुप्लीकेट कार्ड बनाने का फर्जीवाड़ा पकड़ा और हेल्थ वर्कर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.

ईमेल आईडी का दुरुपयोग
रापर तालुका के इंचार्ज हेल्थ ऑफिसर पाउल सतन हेम्ब्रोम ने पुलिस ठाणे में शिकायत दर्ज करवाई कि फतेहगढ़ प्राथमिक आरोग्य केंद्र में भारत सरकार के आयुष्मान भारत जान आरोग्य योजना के तहत अयोग्य लोगों को आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाकर दिए गए हैं. यह काम मल्टीपरपज हेल्थ वर्कर बलदेव भारमल सोलंकी संभाल रहे हैं, जिन्होंने तालुका आरोग्य अधिकारी के ईमेल आईडी का दुरुपयोग कर डुप्लीकेट गोल्डन कार्ड बनाकर दिए और सरकार के साथ विश्वासघात किया.

50 रुपए में लोगों को डुप्लीकेट आयुष्मान कार्ड
मल्टीपरपज हेल्थ वर्कर बलदेव सोलंकी 50 रुपए में लोगों को डुप्लीकेट आयुष्मान कार्ड बनाकर दे रहा था. जिला आरोग्य विभाग द्वारा इस मामले को लेकर कारवाई करने के आदेश दिए गए. इसके बाद कई कर्मचारियों और लोगों के बयानों के आधार पर यह बात निकलकर आई कि यहां डुप्लीकेट कार्ड बनाये जा रहे थे.

फर्जीवाड़ा रापर से पकड़ा गया
कच्छ के लगभग तमाम तालुकाओं में भारत सरकार की आयुष्मान योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाने का काम चल रहा है. उस पर मॉनिटरिंग तालुका आरोग्य अधिकारी करते हैं और उन पर मॉनिटरिंग जिला आरोग्य अधिकारी करते हैं, लेकिन डुप्लीकेट आयुष्मान कार्ड बनाने का फर्जीवाड़ा रापर से पकड़ा गया. उसके साथ ही अन्य तालुकाओं में चल रहे काम पर जिला आरोग्य अधिकारी और उनकी टीम द्वारा जांच की जाए अब यह जरुरी हो गया है.

50 रुपए लेकर डुप्लीकेट कार्ड
फतेहगढ़ आरोग्य केंद्र में 50 रुपए लेकर डुप्लीकेट कार्ड बनाया जा रहा था. यह फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अन्य तालुकाओं में भी जांच जरूरी है. इस बारे में तालुका अधिकारी पॉल ने बताया की जिला आरोग्य विभाग के आदेश के बाद जांच संबंधी बयान लेकर शिकायत दर्ज की गई.

पुलिस ने कार्ड वापस लिए
वहीं, इस बारे में कार्ड धारक रामशी भाई रबारी ने बताया कि मेरे घर पर कार्ड निकलने के लिए पत्र आया था और कार्ड निकालने के लिए गए तो प्रति कार्ड के लिए 50 रुपए देने पड़े. खेताभाई कालभाई रबारी ने अपने परिवार के दो कार्ड बनवाये थे और उन्हें उसके 100 रुपए देने पड़े थे. लेकिन कार्ड की शिकायत होने के बाद पुलिस ने कार्ड वापस ले लिए.

आशा  वर्कर कैलाश बेन सुथार ने बताया कि उन्हें नर्स द्वारा दी सुचना के अनुसार, तीन व्यक्तियों के कार्ड बनाने की जानकारी दी गयी थी. लेकिन बाद में कितने कार्ड बनाये गए उसकी जानकारी उन्हें नहीं है.

सायबर क्राइम का केस
वहीं, देवराज भाई उमटे ने अपने परिवार के चार कार्ड बनवाये थे जो पुलिस द्वारा वापस ले लिए गए. इस मामले को लेकर कच्छ जिला के आरोग्य अधिकारी ने कहा कि घोटाला करने वाले बलवंत सोलंकी पर पुलिस शिकायत दर्ज हो चुकी है, जिसमे सायबर क्राइम का केस भी दर्ज किया गया है. अभी भी जांच जारी है और अन्य आरोग्य शाखा के कर्मचारियों की भी इसमें मिलीभगत लगी तो उन पर भी कारवाई होगी. अभी इस बात को लेकर जांच जारी है.

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