लखनऊ में भी सांसों का संकट, बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के कोरोना मरीजों को अस्पताल में प्रवेश नहीं

कोरोना मरीजों के परिवार वालों का कहना है कि ब्लैक मार्केट में ऑक्सीजन सिलेंडर 35,000 रुपये में बेचे जा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच राजधानी लखनऊ में हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ अब ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी भी हो रही है (Oxygen Cylinders Crisis). बुधवार को लखनऊ के तालकटोरा और नादरगंज के पास ऑक्सीजन रिफिलिंग केंद्रों के बाहर भारी भीड़ देखी गई. राज्य के दूर-दराज के हिस्सों के लोग इस उम्मीद में रिफिलिंग केंद्रों पर आ रहे हैं कि उनकों कोरोना के इलाज के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर मिल जाएगा.

लखनऊ के अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी से कोरोनो के मरीजों को इलाज से पहले घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. नादरगंज में ऑक्सीजन रिफिलिंग सेंटर के बाहर, कोरोना मरीजों के परिवार के सदस्यों ने कहा कि अगर मरीज ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने में असमर्थ हैं तो अस्पताल प्रवेश से इनकार कर रहे हैं. अमेठी निवासी कमलेश मिश्रा (47) सुबह 5 बजे से लखनऊ के नादरगंज में मुरारी गैस स्टेशन के बाहर इंतजार कर रहे थे. मिश्रा ने कहा कि उनका भाई मानसिक रूप से बीमार है और उसे मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत है. उनका कहना है कि सेंटर में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी है.

ब्लैक मार्केट में 34 हजार रुपये में मिल रहे सिलेंडर

अपनी भाभी के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर रहे मोहम्मद सलमान (28) ने कहा कि उन्होंने आलमबाग और ऐशबाग के सभी रिफिलिंग केंद्रों का दौरा किया, लेकिन एक भी सिलेंडर नहीं मिला. सलमान ने कहा कि ये सिलेंडर ब्लैक मार्केट में 35,000 रुपये में बेचे जा रहे हैं. उस में भी सिलेंडर मिलने में देरी हो रही है. सलमान ने कहा कि इतने कम समय में एक गरीब के लिए एक ऑक्सीजन सिलेंडर जुटना बहुत मुश्किल है. लखनऊ के कई निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि इस संबंध में केंद्र सरकार के पास पहुंच चुके हैं लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला. वहीं दूसरी ओर, जिला प्रशासन इस मुद्दे पर चुप है.

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