Covid-19: मई आखिर तक भारत को मिलेंगी स्पुतनिक-V की 30 लाख डोज, अगस्त से देश में ही शुरू होगा प्रोडक्शन

रूस में भारत के राजदूत डी बाला वेंकटेश वर्मा ने कहा कि भारत में 85 करोड़ से ज्यादा स्पुतनिक वैक्सीन का उत्पादन किया जाएगा.

भारत में मई अंत तक रूस की कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक-V की 30 लाख डोज पहुंचने की उम्मीद है. वहीं जून तक 50 लाख डोज की सप्लाई हो जाएगी. रूस में भारत के राजदूत डी बाला वेंकटेश वर्मा ने कहा कि अगस्त से भारत में स्पुतनिक-V का उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि सिंगल डोज वाली ‘स्पुतनिक लाइट’ के लिए भी रूस ने प्रस्ताव दिया है, भारत में अभी इसे मंजूरी मिलनी बाकी है. स्पुतनिक-V वैक्सीन का आयात हैदराबाद की कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेटरी कर रही है.

बाला वेंकटेश वर्मा ने बताया कि मौजूदा प्लान यह है कि भारत में 85 करोड़ से ज्यादा स्पुतनिक वैक्सीन का उत्पादन किया जाएगा. भारत में स्पुतनिक की दो खेप के जरिए 2.10 लाख डोज आ चुकी है. भारत ने पहली विदेशी वैक्सीन के रूप में इसे 12 अप्रैल को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी. डॉ रेड्डीज लैबोरेटरी ने स्पुतनिक-V वैक्सीन के लिए रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के साथ समझौता किया था. भारतीय बाजार में स्पुतनिक-V वैक्सीन की कीमत 995 रुपए है. कोरोना वायरस के खिलाफ स्पुतनिक-V की प्रभावी क्षमता 90 फीसदी से अधिक है.

उन्होंने कहा, “दुनिया में स्पुतनिक की 65-70 फीसदी डोज भारत में उत्पादित की हुई होंगी. भारत में स्पुतनिक तीन फेज में मिलेगा. पहली जो रूस से अभी भेजी जा रही है. दूसरी RDIF बल्क में भारत को भेजेगा. यह इस्तेमाल के लिए तैयार होगा, लेकिन शीशियों में भरा जाएगा. और तीसरी, रूस भारतीय कंपनी को टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर करेगी, जिससे देश में इसका उत्पादन होगा. इन तीनों चरण के जरिए भारत में 85 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध होगा.”

स्पुतनिक लाइट वैक्सीन को लेकर उन्होंने कहा कि भारत में इसे मंजूरी मिलनी बाकी है. रूस ने 6 मई को कोरोना वायरस के खिलाफ ‘स्पुतनिक लाइट’ को मंजूरी दी थी और कहा था कि इससे सामूहिक प्रतिरक्षा प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी आ सकती है. रूस ने जनवरी में स्पुतनिक लाइट का मानव परीक्षण शुरू किया था और अध्ययन अभी भी जारी हैं. स्पुतनिक लाइट रूस में चौथी घरेलू विकसित कोविड वैक्सीन है, जिसे देश में मंजूरी दी गई है.

स्पुतनिक लाइट के आंकड़ों पर विचार कर रही सरकार

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने रूस की मंजूरी दिए जाने के बाद कहा था कि भारत कोविड-19 से बचाव में कारगर रूस के सिंगल डोज वाले ‘स्पूतनिक लाइट’ वैक्सीन के बारे में दावे का परीक्षण करेगा. उन्होंने कहा था, “स्पुतनिक लाइट के मामले में वे (RDIF) कह रहे हैं कि एक डोज ही पर्याप्त है. हम इस दावे की जांच कर रहे हैं. हम इसके आंकड़ों और प्रभाव को लेकर गौर करेंगे. इस बारे में और जानकारी अभी आएगी.”

देश में 14 मई से स्पुतनिक-V के जरिए भी वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है. हालांकि डॉ रेड्डीज लैबोरेटरी ने बताया था कि अभी यह सिर्फ प्राइवेट अस्पतालों में ही उपलब्ध होगी. देश में अभी तक सिर्फ दो वैक्सीन- भारत बायोटेक की “कोवैक्सीन” और सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (SII) द्वारा ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की बनाई जा रही “कोविशील्ड” ही मुख्यतौर पर इस्तेमाल में लाई जा रही है. केन्द्र सरकार ने कहा  है कि अगस्त से दिसंबर 2021 की 5 महीने की अवधि में 2 अरब से अधिक डोज देश में उपलब्ध होंगी, जो पूरी आबादी को वैक्सीनेट करने के लिए काफी होगी.

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