भारत में न्यूयॉर्क से भी ज्यादा महंगा हुआ पेट्रोल, कोरोना में मांग कम होने के बाद भी जानिए क्यों है तेजी

पिछले एक साल में भारतीय ईंधन की कीमतों में बेतहाशा वृृद्धि हुई है. आंकड़ों के अनुसार 2013 के बाद से पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगभग छह गुना बढ़ गया है.

भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमतें पहली बार 100 रुपए प्रति लीटर से अधिक हो गई हैं, जो देश में सबसे महंगी है. इसकी कीमत न्यूयॉर्क में मिलने वाले ईंधन से लगभग दोगुनी हो गई है. इंडियन ऑयल कॉर्प के आंकड़ों के अनुसार इस साल शहर में खुदरा कीमतें 11% ऊपर हैं जिससे पेट्रोल 100.47 रुपए ($1.39) प्रति लीटर पर पहुंच गया है.

पिछले एक साल में भारतीय ईंधन की कीमतों में बेतहाशा वृृद्धि हुई है. पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में बिक्री करों में हुई कई बार बढ़ोत्तरी के चलते पेट्रोल की कीमत में भी इजाफा हुआ है. लेवी अब खुदरा मूल्य का लगभग 60% है और 2013 के बाद से पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगभग छह गुना बढ़ गया है.

जानकारों के अनुसार ईंधनों पर लगाए गए भारी भरकम टैक्स के चलते भारत में पेट्रोल—डीजल के दाम बढ़े हैं. कोविड -19 महामारी के दौर में कच्चे तेल के आयातक के रूप में ये दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया. मई महीने में पेट्रोल और डीजल की बिक्री 2019 में प्री-वायरस स्तरों की तुलना में लगभग एक तिहाई कम रही. इसकी वजह देश के अलग—अलग हिस्सों में लगाया गया लॉकडाउन है.

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के प्रमुख ईंधन खुदरा विक्रेताओं में से एक, भारत पेट्रोलियम कॉर्प के वित्त निदेशक एन विजयगोपाल का कहना है, “हम ईंधन की कीमतों में नरमी या सरकार से टैक्स को कम करने की अपील करते हैं, जब तक ऐसा नहीं होता, हमारे पास खुदरा बिक्री मूल्य बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.”

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी की जेब पर बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. मंगलवार यानी आज एक बार फिर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा हुआ है. देशभर के विभिन्‍न शहरों में पेट्रोल के दाम में 26 पैसे प्रति लीटर और डीज़ल के दाम में 23 पैसे प्रति लीटर तक की बढ़ोत्तरी हुई है.इससे पहले मई के महीने में 16 बार ईंधन के भाव में बढ़ोतरी हुई थी.

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