आगरा के पारस अस्पताल में मौत की ड्रिल का मामला:आरोपियों के बयान के आधार पर बना दी जांच रिपोर्ट, मृतकों के परिजनों से एक बार बात भी नहीं की; डेथ ऑडिट रिपोर्ट भी सरकारी

22 मौतों का मॉक ड्रिल कराने वाले आगरा के पारस अस्पताल को सरकार ने क्लीन चिट दे दी है। सरकारी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद अब पूरे जांच पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं। जांच करने वाले अफसरों ने केवल अस्पताल प्रशासन के बयान के आधार पर ही रिपोर्ट बना दी। अस्पताल में मरने वालों की डेथ ऑडिट रिपोर्ट में भी वही लिखा गया है जो अस्पताल प्रशासन ने बताया है।

जांच रिपोर्ट पर खड़े होने वाले 5 सवाल

  • केवल अस्पताल प्रशासन के बयान के आधार पर रिपोर्ट क्यों बनाई गई ?
  • मृतकों के परिजनों से क्यों नहीं बातचीत की गई? उनका बयान क्यों नहीं लिया गया?
  • वीडियो की जांच के बगैर कैसे उसे मैनिपुलेटेड बता दिया गया?
  • अगर वीडियो मैनिपुलेटेड है तो डॉ. अरिंजय के उस बयान को उनके पक्ष में कैसे मान लिया गया जिसमें उन्होंने लोगों को ऑक्सीजन लाने के लिए अस्पताल की तरफ से पैसे और एबुलेंस मुहैया कराने की बात कही है?
  • रिपोर्ट में खुद कहा गया है कि अभी कुछ बिंदुओं पर जांच जरूरी है। ऐसे में बगैर उन बिंदुओं की जांच कराए अस्पताल प्रशासन को क्लीन चिट देने की जल्दी क्या थी?

क्या है मामला ?
7 जून को पारस अस्पताल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन द्वारा मौत का मॉक ड्रिल करने का वीडियो सामने आया था। इसमें अरिंजय खुद कबूल कर रहा है कि उसने ऑक्सीजन बंद करके 5 मिनट 22 लोगों की जिंदगी छीन ली थी। आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने उसी दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 26 अप्रैल की रात अस्पताल में महज 3 मौतें हुई थीं। और उन्होंने ऑक्सीजन की कमी से कोई भी जान न जाने की बात कही। लेकिन उसके बाद से अब तक 26-27 अप्रैल की रात पारस अस्पताल में जान गंवाने वाले 11 मृतकों के परिजन सामने आ चुके थे। इसके बावजूद जांच कमेटी ने इन 11 मृतकों के परिजनों से बात करना ठीक नहीं समझा।

15 से 25 अप्रैल के बीच 16 मौतें दिखाई गईं
जांच रिपोर्ट में डेथ ऑडिट की रिपोर्ट को भी शामिल किया गया है। बताया गया है कि एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉ. त्रिलोक चंद पीपल, डॉ. बलवीर सिंह, डॉ. रिचा गुप्ता और ACMO डॉ. पीके शर्मा ने अस्पताल में 15 से 25 अप्रैल के बीच होने वाली मौतों का ऑडिट किया। इस दौरान कुल 16 मौतें बताईं गई हैं। इनमें सभी मृतकों को कोरोना के साथ अन्य बीमारी बताई गई है।

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