स्टेट फूड लैब में गड़बड़झाला…तीन साल में लिए गए 30 हजार 200 फूड सैंपल में से 850 से ज्यादा गायब

  • अब गड़बड़ी छिपाने के लिए जिलों से सैंपल के दूसरे पार्ट मंगाए लेकिन इनमें से ज्यादातर सड़ चुके हैं

प्रदेश की एकमात्र स्टेट फूड लैब में इन दिनों व्यवस्थाएं गड़बड़ हैं। फूड इंस्पेक्टरों द्वारा मिलावट का पता लगाने के लिए जुलाई 2019 से अब तक यानी तीन साल में मावा, पनीर, मिठाई, टोमेटो कैचअप, ऑयल, मावा, मसाले, मूंगफली दाने सहित अन्य खाद्य पदार्थों के 30 हजार 200 लीगल सैंपल लिए गए थे।

इसमें से 850 से ज्यादा सैंपल गुम हो गए हैं। प्रदेश में कुल 7000 सैंपल की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। दरअसल लैब में फूड इंस्पेक्टरों द्वारा भेजे सैंपल महीनों तक खोले ही नहीं गए। जिनकी जांच हुई, उनकी रिपोर्ट जारी नहीं हुई। अब फूड एनालिस्ट संदीप विक्टर और एके सिलावट अपनी गलती छुपाने के लिए गुम हुए सैंपल का दूसरा पार्ट संबंधित जिले के इंस्पेक्टर से मंगा रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों से ऐसे करीब 600 से अधिक सैंपलों के दूसरे पॉर्ट लैब पहुंचे हैं। यहां जब इन सैंपलों की सील खोली गई तो कई सड़ चुके हैं।

नियम 7 दिन का, लेकिन 2 साल बाद मंगवा रहे हैं

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अनुसार, फूड लैब में सैंपल पहुंचने के 14 दिन के भीतर उसकी जांच रिपोर्ट जारी हो जानी चाहिए। यदि खाद्य पदार्थ की सैंपल की सील खुल गई हो, या फिर बोतल या डिब्बे का ढक्कन खुला रह गया हो, तो ऐसी ही परिस्थिति में सैंपल का दूसरा पार्ट 7 दिन के भीतर रिकॉल किया जाता है। लेकिन 2 साल बाद भी सैंपल के दूसरे पार्ट मंगाए जा रहे हैं।

बड़ा सवाल..सैंपल गुम हुए या गुमा दिए गए… किसको बचाना चाहते हैं अफसर

बड़ा सवाल ये है कि 850 सैंपल के गुम होने की जानकारी फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट के अफसर दे रहे हैं। लेकिन ऐसी हाई सिक्योरिटी लैब जहां बाहरी व्यक्ति के आने -जाने पर पाबंदी है। गार्ड 24 घंटे तैनात है। सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जिस स्थान पर सैंपल रखे जाते हैं। वहां फूड एनालिस्ट के अलावा कोई नहीं जाता। वहां से सैंपल गुम कैसे हो गए? सवाल यह भी उठ रहा है कि कहीं जानबूझकर अफसरों ने तो मिलावट करने वाले व्यापारियों को बचाने के लिए ये सैंपल गुमा तो नहीं दिए।

मिलावटी सैंपल गुम होने के लिए ये दो अफसर जिम्मेदार
संदीप विक्टर- ये 2014 से लैब में फूड एनालिस्ट के पद पर पदस्थ हैं। सैंपल इनकी निगरानी में जांच के लिए जाते हंै। जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट इनके साइन से जारी होती है।
एके सिलावट- अक्टूबर 2017 से फूड एनालिस्ट हैं। इनका काम भी संदीप विक्टर की तरह ही है। यहां पर जिलों से आने वाले सैंपल इनकी मॉनिटरिंग में जांच के लिए जाते हैं।

फूड इंस्पेक्टर एक सैंपल को चार पार्ट में बांटता है
खाद्य पदार्थ का सैंपल चार पार्ट में होता है। पहला पार्ट लैब में जांच के लिए भेजा जाता है। वहीं अन्य तीन पार्ट को संभालकर जिले के विभागीय कार्यालय में रखा जाता है। इसमें दूसरा पार्ट खाद्य प्रयोगशाला के लिए तथा तीसरा पार्ट सैंपल की जांच रिपोर्ट चैलेंज होने पर सेंट्रल लेबोरेट्री में भेजने के लिए होता है। वहीं सैंपल का चौथा पार्ट जिस दुकानदार से लिया गया है, उसका होता है।

सीधी बात- संदीप विक्टर, फूड एनालिस्ट फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन…सैंपल का दूसरा पार्ट जांच के लिए बुलाया है

  • स्टेट फूड लैब से कुल कितने सैंपल गुम हो गए हैं?

850 सैंपल गायब हैं। इसमें कई सैंपल ऐसे हैं, जो लैब में डैमेज हो गए थे। इसलिए सैंपल का दूसरा पार्ट जांच के लिए बुलाया गया है।

  • जानबूझकर सैंपल गुमा दिए, किसको बचाना चाहते हैं अफसर?

जानबूझकर सैंपल नहीं गुमे हैं। यहां आने वाले सैंपलों की संख्या बहुत ज्यादा होती है। सैंपल कहां रखे हैं,उनकी तलाश करा रहे हैं।

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