CM की विस में अवैध खनन रोकने में प्रशासन नाकाम:NGT की रोक का आदेश मिलने पर भी नहीं जागे एसडीएम, रेत चोरों पर कार्रवाई से बच रहा प्रशासन

मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) निर्देश पर कलेक्टर ने खनन पर रोक के आदेश दे दिए है। यह रोक केवल कागजों में लगी है। जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही। सीहोर जिले से 120 किमी दूर बुदनी तहसील, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विधानसभा क्षेत्र है। यहां कलेक्टर द्वारा खनन पर रोक के लिए 30 जून को निकाले आदेश के विपरीत ही काम हो रहा। नर्मदा की धार में ट्रैक्टर ट्राॅली से रेत उत्खनन का काम हो रहा। जो रविवार को भी जारी है। इन रेत माफियों पर आखिर क्यों बुदनी एसडीएम व खनिज अधिकारी एक्शन नहीं ले पा रहे। ऐसे में प्रशासन की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठ रहे है ?

बता दे वर्षाकाल शुरू होने पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेश के मुताबिक कलेक्टर को रेत खनन पर रोक लगानी होती है। सीहोर कलेक्टर ने चंद्रमोहन ठाकुर ने 30 जून को 3 माह के लिए खनन पर रोक का आदेश जारी कर। आदेश को 120 किमी दूर सीएम के विधानसभा क्षेत्र बुदनी तक पहुंचने में तीन दिन लग गए। बुदनी एसडीएम शैलेंद्र हिनाेतिया ने बताया आदेश 2 जून काे ही मिलना बताया। लेकिन रविवार को भी खनन बंद नहीं हुआ। करीब 20 से 25 ट्रेक्टर-ट्रॉलियां से नर्मदा की धार से रेत चोरी की हो रही। इस संबंध में सीहोर कलेक्टर व एसडीएम से वाट्सएप भी किया। उन्होंने जवाब नहीं दिया।

सीहोर कलेक्टर द्वारा खनन पर रोक के आदेश दिए।
सीहोर कलेक्टर द्वारा खनन पर रोक के आदेश दिए।

एसडीएम ने रोक न लगाने का किया था बहाना

बुदनी एसडीएम शैलेंद्र हिनाेतिया ने 2 दिन पहले कहा था कि उनके जिले में खनन पर रोक के आदेश नहीं हुए। वहीं अगले दिन कहा कि आदेश 2 जून काे ही मिल गए थे लेकिन शनिवार को देखा। लगातार वीआईपी दाैरे के कारण समय पर नहीं देख पाएं। आदेश मिलने के बाद भी शनिवार और रविवार को भी खनन हो रहा, लेकिन एसडीएम इन रेत चोरों के खिलाफ कार्रवाई करने सामने नहीं आ रहे।

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