राज कुंद्रा का हॉटशॉट्स ऐप:इस ऐप पर हैं पोर्न मूवीज, वेब सीरीज और लाइव शो; जानिए पोर्न देखने और डाउनलोड करने पर क्या कहता है कानून?

पोर्न इंडस्ट्री का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है। इस बार इस जिन्न का नाम बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्‌टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा से जुड़ा है। इस मामले में मुंबई पुलिस छानबीन में जुटी है। अब तक इस मामले में केनरिन नाम की कंपनी, वी ट्रांसफर (WeTransfer) प्लेटफॉर्म और हॉटशॉट्स (HotShots) ऐप का नाम सामने आया है। मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कुंद्रा ने पोर्न फिल्म इंडस्ट्री में 8 से 10 करोड़ रुपए का निवेश किया है।

कुंद्रा ने ब्रिटेन में रह रहे अपने भाई के साथ केनरिन नामक कंपनी बनाई और उसका रजिस्ट्रेशन विदेश में करवाया ताकि भारत के साइबर लॉ से बचा जा सके। पोर्न मूवी के वीडियो भारत में शूट किए गए थे और वी ट्रांसफर के जरिए उन्हें केनरिन को भेजा गया। इन वीडियो को हॉटशॉट्स के साथ दूसरे ऐप पर पेड सब्सक्रिप्शन के साथ बेचा गया।

हम आपको वी ट्रांसफर प्लेटफॉर्म और हॉटशॉट्स ऐप के बारे में बता रहे हैं…।

सबसे पहले जानते हैं वी ट्रांसफर प्लेटफॉर्म के बारे में..

वी ट्रांसफर फाइल डेटा ट्रांसफर करने वाली ऑनलाइन सर्विस है। इसकी मदद से आप कितने भी GB की फाइल को दुनिया के किसी भी कोने में शेयर कर सकते हैं। फाइल का साइज 2GB से ज्यादा बड़ा होने पर इसकी प्रो सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रो सर्विस की मदद से 1TB साइज तक की फाइल ट्रांसफर कर सकते हैं। इससे फाइल को भेजना काफी आसान है। समझें पूरी प्रक्रिया..

  • सबसे पहले wetransfer.com वेबसाइट को ओपन किया जाता है।
  • अब फ्री सर्विस को सिलेक्ट करें। आप 200GB तक की फाइल भेज पाएंगे।
  • अब Add your files पर क्लिक करके फाइल सिलेक्ट कर लें।
  • अब जिसे फाइल को भेज रहे हैं उसका ईमेल, फिर अपना ईमेल डालें।
  • फाइल के साथ कोई मैसेज देना चाहते हैं तो वो भी लिख सकते हैं।
  • फाइल को पासवर्ड प्रोटेक्ट करना चाहते हैं तो सेट कर सकते हैं।
  • ये कंपनी के क्लाउड पर अपलोड होने के बाद यूजर तक पहुंच जाएगी।

अब जानिए हॉटशॉट्स ऐप के बारे में…

पोर्न फिल्मों के मामले में जिस हॉटशॉट्स ऐप का नाम सामने आया है, उसका पूरा नाम हॉटशॉट्स डिजिटल एंटरटेनमेंट (HotShots Digital Entertainment) है। इस ऐप को केनरिन लिमिटेड ने तैयार किया है। केनरिन वही कंपनी है जिसे राज कुंद्रा ने अपने भाई के साथ तैयार किया है। ये ऐप गूगल प्ले स्टोर, एपल स्टोर या फिर दूसरे किसी ऑथेंटिक ऐप स्टोर पर मौजूद नहीं है। हांलाकि इसे APK फाइल की मदद से फोन में इंस्टॉल किया जा सकता है। इसका साइज करीब 42MB है।

जहां तक ऐप के कंटेंट की बात है, तो इस पर पोर्न कंटेंट ही मौजूद है। इस पर पोर्न वेब सीरीज से लेकर पोर्न मूवी दिखाई जाती हैं। ऐप पर उसका एक्सक्लूसिव कंटेंट, लाइव शो, हॉटशॉट्स लाइव जैसे कई फीचर्स दिए गए हैं। इस ऐप पर देश के 1 मिलियन (10 लाख) से ज्यादा यूजर्स भी मौजूद हैं। ऐसा माना जा रहा है कि राज कुंद्रा ने जो पोर्न वीडियो भारत में शूट किए गए थे, उन्हें इसी ऐप की मदद से लोगों तक पहुंचाया गया।

क्या देश में पोर्नोग्राफी कंटेंट देख सकते हैं?

अब सवाल ये उठता है कि जब सरकार ने देश में पोर्नोग्राफी बैन कर रखी है, तो क्या इस तरह का कंटेंट देखा जा सकता है? सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी कुछ वेबसाइट्स ऐसे कंटेंट दिखाती हैं। इतना ही नहीं, कुछ ऐप्स या वेबसाइट की मदद से पोर्न कंटेंट डाउनलोड भी किया जा सकता है।

  • इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के वकील, अशोक के सिंह ने बताया कि भारत में एडल्ट पोर्नोग्राफी और प्रॉस्टिट्यूशन (वेश्यावृत्ति) अपराध नहीं है, लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी अपराध है। इसे लेकर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (POCSO) बनाया गया है। दूसरी तरफ, एडल्ट पोर्नोग्राफी तब अपराध हो जाती है जब किसी को जबरदस्ती, धोखे से, या बिना उसकी परमिशन के उसके फोटो, वीडियो या उसमें छेड़छाड़ करके सोशल मीडिया या किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर दिया जाए।
  • ऐसी स्थिति में पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई की जा सकती है। इस तरह के किसी भी कंटेंट को अपलोड करना साइबर क्राइम का हिस्सा हो जाता है। इसमें किसी महिला की लज्जा भंग करने के आरोप में IPC की धारा 509 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
  • भारत सरकार ने देश में करीब 1300 पोर्न वेबसाइट्स को बैन किया हुआ है, लेकिन इसके बाद भी इन्हें एक्सेस कर सकते हैं। कोई यूजर अपने फोन में पोर्न कंटेंट को डाउनलोड कर सकता है और उसे देखकर डिलीट कर सकता है। इसे लेकर उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन उस कंटेंट को वो किसी दूसरे व्यक्ति की मर्जी के बिना, जबरदस्ती, धोखे से, या किसी ग्रुप पर शेयर करके दिखाता है, तब वो क्राइम माना जाएगा। यानी पोर्नोग्राफी प्रकाशित, प्रसारित करना और इलेक्ट्रॉनिक जरियों से दूसरों तक पहुंचाना गैरकानूनी है, लेकिन उसे देखना, पढ़ना या सुनना अवैध नहीं है। हालांकि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना भी अवैध है।

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