आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बोले- सभी भारतीयों का एक ही DNA, सीएए से किसी मुसलमान को दिक्कत नहीं

मोहन भागवत मंगलवार शाम दो दिन की यात्रा पर असम पहुंचकर बैठक की. इन बैठकों में संगठन से जुड़े विषयों एवं महामारी के दौर में समाज और लोगों के कल्याण के उपायों पर चर्चा हुई.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने हाल ही में कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए (DNA) एक है. इस बयान के बाद आज असम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सीएए से किसी मुसलमान को कोई दिक्कत नहीं होगी. सीएए और एनआरसी का हिंदू-मुस्लिम विभाजन से कोई लेना-देना नहीं है. गुवाहाटी में भागवत ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए इसे साम्प्रदायिक रूप दिया गया है.

मोहन भागवत मंगलवार शाम दो दिन की यात्रा पर असम पहुंचे.आरएसएस के प्रवक्ता ने बताया कि भागवत ने असम के विभिन्न क्षेत्रों और अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर एवं त्रिपुरा जैसे अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठकें की.उन्होंने कहा कि इन बैठकों में संगठन से जुड़े विषयों एवं महामारी के दौर में समाज और लोगों के कल्याण के उपायों पर चर्चा हुई.

गुवाहाटी में अपने बयान के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने विवधिता पर जोर देते हुए आगे कहा,’भारत में तद्भव है सब कुछ , हमारा इतिहास हमारे साथ 4000 साल से चल रहा है , यह कहीं नहीं हुआ है की इतनी सारी विवधिता एक साथ और शांति से चली और आज भी चल रही है.जब ऐसा सोचने वाले आए की एक होने के लिए एक ही प्रकार आवश्यक है तब यह अलगाव शुरू हुआ. हमको किसी भी विविधता से परहेज नहीं था , हमारे देश में कितने अलग अलग राज्य थे और तब भी लोग कश्मीर से कन्या कुमारी तक आते जाते थे

इस समस्या से हमारा तब परिचय हुआ जब यह कहा गया की एक ही भगवान् चलेंगे , एक ही पद्धति चलेगी. 1930 से योजनाबद्ध तरीके से और मुसलमानो की जनसँख्या बढ़ाने की मुहीम चली , कुछ मात्रा में यह सत्य हो गया पाकिस्तान बन गया , लेकिन आसाम नहीं मिला , बंगाल नहीं मिला , कॉरिडोर मांगे वो नहीं मिला , और फिर यह हुआ की जो मिला वो मिला बाकि कैसे लिया जाए.

कुछ लोग यहां आते थे परेशां होकर , लेकिन कुछ यहां जनसंख्या बढ़ाने के लिए आए और सहायता भी मिली. इस से यह होगा की जिस भूभाग पर हम होंगे वहां सब कुछ हमारे हिसाब से होगा.’

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