नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर पर छापा, 30 गिरफ्तार:पॉलिसी मेच्योर करने के नाम पर करते थे ठगी, 46 हजार लोगों का डाटा मिला; अब तक करोड़ों कमाए

गाजियाबाद पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने पॉलिसी मेच्योर करने के नाम पर ठगने वाले एक बड़े गैंग को रविवार को पकड़ा है। नोएडा में छापा मारकर फर्जी कॉल सेंटर से 30 युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया है। करीब 46 हजार पॉलिसीधारकों का डेटा इस गैंग से मिला है। पुलिस का दावा है कि यह गैंग अब तक करीब कई करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है।

साइबर क्राइम सेल प्रभारी सुमित कुमार के अनुसार, गाजियाबाद के थाना कोतवाली में मॉडल टाउन निवासी सागर ने पॉलिसी मेच्योर के नाम पर 56 हजार रुपये की ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। इस केस की जांच साइबर क्राइम सेल ने की। पता चला कि यह पॉलिसी राहुल नाम के व्यक्ति ने कराई थी जो गाजियाबाद में लोनी का रहने वाला है। पुलिस ने सबसे पहले राहुल को उठाया। उससे पूछताछ में पता चला कि पूरा रैकेट नोएडा के सेक्टर-16 में कॉल सेंटर से संचालित हो रहा है। गाजियाबाद पुलिस ने नोएडा में कॉल सेंटर पर छापा मारा। यहां से 29 युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया।

फर्जी आईडी पर सिम और बैंक खाते

साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया यह गिरोह फर्जी आईडी पर सिम खरीदता था और इसी तरह की आईडी पर बैंक खाते खुलवाता था। कॉल सेंटर में जॉब करने वाले युवक-युवती खुद को इंश्योरेंस कंपनी से होना बताकर सस्ते रेट में पॉलिसी मेच्योर करने का झांसा देकर कॉल करते थे। पॉलिसी मेच्योर कराने के बदले लोगों से फर्जी नाम-पते पर खुले बैंक खातों में पैसा डलवाते थे। ठगी करने के बाद सिम तोड़कर फेंक दिए जाते थे।

राहुल ने इंश्योरेंस कंपनी से चुराया डाटा

पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी राहुल बीकॉम पास है। पूर्व में वह नोएडा की एक इंश्योरेंस कंपनी में जॉब करता था। संभवत: वहीं से उसने पॉलिसीधारकों का डेटा चुराया है। फिलहाल कॉल सेंटर से 46400 पॉलिसीधारकों का डेटा मिला है। मुंबई पुलिस को भी इसी तरह की ठगी के मामले में राहुल की तलाश थी।

गाजियाबाद पुलिस ने जैसे ही राहुल को गिरफ्तार किया, उसके करीब 20 मिनट बाद वहां मुंबई पुलिस पहुंच गई। मुंबई पुलिस को बताया गया कि राहुल को गाजियाबाद पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। माना जा रहा है कि जल्द ही मुंबई पुलिस राहुल को यहां से बी-वारंट पर लेकर जा सकती है।

रोजाना 20 लाख कमाई का टारगेट

पुलिस के अनुसार, कॉल सेंटर में काम करने वाले युवक-युवती वहां सैलरी पर काम करते थे लेकिन उन्हें प्रतिदिन 20 लाख रुपये ठगी का टारगेट दे रखा था। पुलिस को इस गिरोह द्वारा अब तक 10 हजार से ज्यादा लोगों से ठगी होने के दस्तावेज इस कॉल सेंटर से मिले हैं। अनुमान है कि ठगी की रकम करोड़ों में हो सकती है। पुलिस को इस गिरोह के 17 बैंक खाते मिले हैं। इनमें अब तक हुई ट्रांजेक्शन की जांच चल रही है। तीन लाख रुपये भी पुलिस ने फ्रीज कराए हैं।

नोएडा पुलिस के सत्यापन पर जांच जारी

नोएडा सेक्टर-16 की जिस बिल्डिंग में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था, उसके केयरटेकर से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। एक बिल्डिंग में कॉल सेंटर चलता है। वहां रोजाना 30 युवक-युवती आते हैं। ऐसे में नोएडा पुलिस ने इनका सत्यापन किया था या नहीं, इसकी जांच की जा रही है।

ये आरोपी हुए गिरफ्तार

  • चंद्रशेखर निवासी पंचशील कॉलोनी भोपुरा, गाजियाबाद
  • भुवन सिंह निवासी कृस्णा एन्क्लेव, गाजियाबाद
  • दीपक कुमार निवासी सूर्यविहार, फरीदाबाद
  • रंजन चौधरी निवासी अंकुर विहार, गाजियाबाद
  • राहुल कुमार निवासी संगम विहार, गाजियाबाद
  • पारस तोमर निवासी भैंसोड़ा, स्याना, बुलंदशहर
  • मनोज कुमार निवासी लोनी, गाजियाबाद
  • हेमंत सिरोही निवासी सैदपुर, बुलंदशहर
  • विकास कुमार निवासी त्रिलोकपुरी, दिल्ली
  • राकेश निवासी सेक्टर-41 नोएडा
  • चंदन कुमार निवासी न्यू अशोकनगर, दिल्ली
  • अविनाश निवासी करावल नगर दिल्ली
  • विवेक चौधरी निवासी सीतामढ़ी, बिहार
  • जगवीर सिंह निवासी पानीपत
  • अनूप कुमार निवासी करावलनगर दिल्ली
  • उवेश खान निवासी सेक्टर-16 नोएडा

नोट : इनके अलावा 14 युवतियां भी गिरफ्तार हैं।

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