उत्तर प्रदेश चुनाव: योगी को रोकने के लिए अखिलेश ने BSP और कांग्रेस से कही बड़ी बात

अखिलेश यादव ने इस दौरान स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए छोटे दलों के साथ गठबंधन को तैयार, उन्हें भाजपा के खिलाफ एकजुट करने की कोशिश रहेगी।

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव से पहले राज्य का सियासी पारा बढ़ा हुआ है। भाजपा जहां सत्ता में लगातार दूसरी बार काबिज होने के लिए रणनीति बना रही है तो समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस अपना वनवास खत्म करनी की रणनीति बना रही है। इस बीच न्यूज एजेंसी PTI भाषा ने बात करते हुए अखिलेश यादव ने बड़ी बात कही। अखिलेश यादव ने अपनी पूर्व सहयोगी पार्टियों से कहा कि बसपा और कांग्रेस को तय करना होगा कि उनकी लड़ाई भाजपा से है या सपा से। अखिलेश यादव ने इस दौरान स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए छोटे दलों के साथ गठबंधन को तैयार, उन्हें भाजपा के खिलाफ एकजुट करने की कोशिश रहेगी।

अखिलेश यादव ने इंटरव्यू के दौरान Pegasus मसले को लेकर भी केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। अखिलेश यादव ने कहा कि उनके (एनडीए) के पास लोकसभा में 350 से अधिक सीटें हैं। कई राज्यों में बीजेपी की सरकार है। जासूसी के जरिए सरकार क्यों और क्या तलाश रही थी? वे इस अधिनियम के साथ विदेशी ताकतों की मदद कर रहे हैं। जब उनसे अपने चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ( जो सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है) के बारे में सवाल किया गया तो अखिलेश यादव ने कहा, “हम कोशिश करेंगे कि सभी दल भाजपा को हराने के लिए एकजुट हों।” ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के नेतृत्व वाले ‘भागीदारी मोर्चा’, जिसका हिस्सा AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी भी हैं, से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, “अब तक उनके साथ कोई बातचीत नहीं हुई है।”

बसपा द्वारा किए जा रहे ब्राह्मण सम्मेलन के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि सपा भी ऐसी बैठकें करती है। उन्होंने कहा, “कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने से पहले  हमारी पार्टी ने 150 विधानसभाओं में तीन दिन के कैंप किए। अभी बैकवर्ड सम्मेलन और अन्य कार्यक्रम चल रहे हैं।” उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी अपने विचारक जनेश्वर मिश्र की जयंती पर पांच अगस्त को यात्रा निकालेगी। 15 अगस्त से भाजपा के कुशासन का पर्दाफाश करने के लिए और यात्राएं निकाली जाएंगी। सपा नेता ने दूसरी लहर के दौरान भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा COVID-19 की स्थिति से निपटने और इससे निपटने के लिए “योगी मॉडल” की भी आलोचना की। अखिलेश ने कहा कि सरकार पूरी तरह विफल रही। ऑक्सीजन, बिस्तर और दवाओं की कमी से लोगों की मौत हो गई। सभी ने अस्पतालों और श्मशान घाटों का हाल देखा। यह कौन सा मॉडल है? लोगों ने इसे करीब से देखा है और वे सही समय पर भाजपा को जवाब देंगे।

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