इंदौर में प्रशासन की अनदेखी से बिल्डर हावी, पांच हजार से ज्यादा परिवार सपनों के घर से दूर

इंदौर में लोगों की मेहनत की कमाई लेकर भी बिल्डरों ने नहीं दिए प्लाट-फ्लैट, 20 से ज्यादा प्रोजेक्टर में धोखाधड़ी।

भूमाफिया और धोखेबाज बिल्डरों के खिलाफ प्रशासन, नगर निगम, पुलिस व अन्य विभागों का रवैया नर्म रहा है। कुछ दिन दिखावे की कार्रवाई होती है और भूमाफिया थोड़े दिन जेल की हवा खाने के बाद अपने घर में एसी की हवा खाते नजर आते हैं। ठगे गए परिवार सरकारी दफ्तरों में चक्कर काटकाट कर अपने घर की उम्मीदें खो देते हैं। शहर की 20 से ज्यादा कालोनियों, टाउनशिपों में पांच हजार परिवारों को अपनी गाढ़ी कमाई चुकाने के बाद भी फ्लैट-प्लाट नहीं मिले। इधर, अफसर हैं कि दूसरे विभागों पर ठीकरा फोड़कर अपना पल्लू झाड़ रहे हैं। पिनेकल ड्रीम्स, वात्सल्य बिल्डर्स, ग्रीन लैंड शेल्डर, पिनेकल ग्रांड, टीडीएस इंफ्रा, फिनिक्स टाउनशिप, सहारा सिटी में सबसे ज्यादा परिवार ठगे गए हैं।

जेल में बंद फिनिक्स टाउनशिप के बिल्डरों से जरूर कुछ साल पहले अफसरों ने पात्र लोगों को प्लाट दिलवाए थे, लेकिन अन्य प्रोजेक्टों में ऐसे कोई प्रयास नहीं हुए जिससे प्रभावितों को राहत मिल सके। एक हजार परिवारों को वंजारी ने ठगा खंडवा रोड और सिमरोल क्षेत्र में किसानों से जमीन लेकर पांच साल में दोगुनी राशि लौटाने का लालच देकर बिल्डर वंजारी ने एक हजार से ज्यादा परिवारों से करोड़ों रुपये ऐंठ लिए। इंदौर के अलावा गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के भी कई परिवार बिल्डर की ठगी के शिकार हुए हैं।

तीन साल पहले जब निवेशकों का पैसा नहीं लौटाने पर हल्ला मचा तो प्रशासन ने एक कमेटी बनाई थी और जांच भी शुरू की थी। लेकिन अभी तक लोगों को प्लाट नहीं मिले। उधर, रेरा भी स्टाफ की कमी का हवाला देकर धोखेबाज बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।

आइपीएस अफसर तक ठगे गए

पिनेकल ड्रीम्स में सुविधायुक्त फ्लैट सस्ते दामों पर देने के लालच में शहर के कई आइपीएस अफसर तक भूमाफिया आशीष दास और पुष्पेंद्र वढेरा की ठगी का शिकार हुए हैं। दास जेल से बाहर आ चुका है और वढेरा को पुलिस गिरफ्तार ही नहीं कर पाई। पिनेकल के दो प्रोजेक्टों में ही 500 से ज्यादा परिवार पीड़ित है।

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प्रकरण दर्ज होंगे

अवैध कालोनियों को लेकर जांच कराई जाएगी और इन्हें चिह्नित किया जाएगा। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। पीड़ितों की शिकायत पर एफआइआर भी दर्ज की जाएगी। पैसे लेकर पीड़ितों को प्लाट न देने वाले भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – मनीष सिंह, कलेक्टर

धोखेबाज बिल्डरों के खिलाफ होगी सख्ती

पैसा लेने के बावजूद लोगों को फ्लैट व प्लाट नहीं देने वाले धोखेबाज बिल्डरों के खिलाफ पहले भी हमने कारवाई की है। प्रभावितों की शिकायत मिलने पर हम फिर प्रकरण दर्ज कर करेंगे और ऐसे लोगों पर सख्ती करेंगे। -हरिनारायणाचारी मिश्र, आइजी

कार्रवाई करेंगे

बिना अनुमति इमारतों का उपयोग शुरू करने वालों पर नगर निगम लगातार कार्रवाई कर रहा है। अधिभोग और पूर्णता प्रमाणपत्र के साथ फायर एनओसी लेनी जरूरी है। ऐसे लोगों पर लगातार शिकंजा कस रहे हैं। यदि किसी बिल्डर के कारण आम जनता परेशान है और उनसे किए वादे पूरे नहीं हुए हैं, तो हमें शिकायत करें। यदि जांच में वे दोषी पाए जाएंगे, तो ऐसे बिल्डरों पर कार्रवाई की जाएगी। – प्रतिभा पाल, निगमायुक्त

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