वन नेशन-वन हेल्थ कार्ड की तैयारी; कैसे बनेगा आपका कार्ड, क्या होगा फायदा और क्या हैं जरूरी डॉक्युमेंट्स?

वन नेशन-वन राशन कार्ड, वन नेशन-वन टैक्स के बाद अब वन नेशन-वन हेल्थ कार्ड की तैयारी है। केंद्र सरकार इसी महीने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन को देशभर में लॉन्च कर सकती है। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ये योजना अंडमान-निकोबार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन-दीव, लद्दाख और लक्षद्वीप में चल रही है।

15 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत की थी।

आइए समझते हैं, हेल्थ कार्ड क्या है? कैसे काम करता है? आप कैसे बनवा सकेंगे? किन डॉक्युमेंट्स की जरूरत होगी? और इस कार्ड से आपको क्या फायदा होने वाला है…

क्या है हेल्थ ID कार्ड?

अभी आप डॉक्टर को दिखाने जाते हैं, तो अपने साथ रिपोर्ट्स की एक फाइल ले जाते हैं। इस फाइल में आपकी पुरानी जांच रिपोर्ट्स होती हैं। हेल्थ ID कार्ड को इसी फाइल का डिजिटल रूप समझिए। आपको अपने आधार कार्ड की तरह 14 अंकों की यूनीक ID दी जाएगी। इसी ID में आपका पूरा हेल्थ रिकॉर्ड होगा। ये रिकॉर्ड सेंट्रल सर्वर से जोड़ा जाएगा। अगली बार आप कहीं इलाज करवाने जाएंगे, तो आपको अपनी पिछली रिपोर्ट्स न दिखाते हुए ये कार्ड दिखाना होगा। डॉक्टर इस कार्ड से ही आपकी मेडिकल हिस्ट्री पता कर आपका इलाज कर सकेगा।

हेल्थ कार्ड कैसे बनेगा?

  • https://healthid.ndhm.gov.in/register योजना शुरू होने के बाद आप इस वेबसाइट पर जाकर अपनी हेल्थ ID खुद भी बना सकते हैं।
  • गूगल प्ले स्टोर पर NDHM हेल्थ रिकाॅर्ड ऐप भी उपलब्ध है। आप इस ऐप के जरिए भी हेल्थ ID के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
  • इसके अलावा सरकारी-निजी हॉस्पिटल, कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर, प्रायमरी हेल्थ सेंटर और कॉमन सर्विस सेंटर पर भी कार्ड बनेंगे।

किन डॉक्युमेंट्स की जरूरत होगी?

केवल दो चीजें जरूरी हैं – आधार कार्ड और मोबाइल नंबर। इसके अलावा नाम, जन्म का साल, लिंग, पता जैसी सामान्य जानकारियां भरनी होंगी। आपको कोई भी डॉक्युमेंट ऑफलाइन सबमिट करने की जरूरत नहीं है। पूरी प्रोसेस ऑनलाइन होगी।

क्या बच्चों का भी हेल्थ कार्ड बनेगा?

हां। बच्चों के लिए भी सेम प्रोसेस से ID कार्ड बनेंगे।

कार्ड से आपको क्या फायदे होंगे?

  • कार्ड में आपकी हेल्थ से जुड़ी पूरी जानकारी डिजिटल फॉर्मेट में दर्ज होती रहेगी, यानी आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री कार्ड में रहेगी। आप जब भी अस्पताल में इलाज कराने जाएंगे, तो आपको पुराने सभी रिकॉर्ड वहीं डिजिटल फॉर्मेट में मिल जाएंगे।
  • डॉक्टर्स के पास आपकी पुरानी बीमारी, ट्रीटमेंट की हिस्ट्री, किन दवाओं से आपको एलर्जी है, इस तरह की पूरी जानकारी होगी। इससे डॉक्टरों को इलाज करने में काफी मदद मिलेगी।
  • आपके मेडिकल रिकॉर्ड को देखकर ही कई चीजें डॉक्टर को पता चल जाएंगी। ऐसे में नई जांच में लगने वाला समय और पैसा बचेगा।

कार्ड में नई जानकारियां कैसे एंटर होंगी?

पहली बार जब आप कार्ड बनवाएंगे तो आपको अपने मेडिकल रिकॉर्ड्स खुद ही अपडेट करने होंगे। कार्ड बनने के बाद आगे की सभी रिपोर्ट्स अपने आप अपलोड होती रहेंगी।

आप इलाज के लिए जाकर अपना हेल्थ ID नंबर देंगे तो आपके वर्तमान इलाज की जानकारी भी अपने आप जुड़ जाएगी।

क्या एक ही कार्ड पूरे देश में काम करेगा?

बिल्कुल। आपको केवल एक ही कार्ड बनवाना होगा। सर्वर के जरिए ये कार्ड पूरे देश के अस्पतालों से लिंक कर दिया जाएगा। आप देश के किसी भी अस्पताल में इलाज करवाएंगे तो एक ही ID आपको दिखानी होगी।

क्या कार्ड में आपका डेटा सुरक्षित होगा?

NDHM की वेबसाइट पर बताया गया है कि आपके डेटा को इन्क्रिप्शन के साथ सेंट्रल नेटवर्क पर स्टोर किया जाएगा। इसके लिए आपकी सहमति भी ली जाएगी।

साथ ही जब आप डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाएंगे, तो डॉक्टर भी डायरेक्ट आपके डेटा को नहीं देख सकता। पहले आपके मोबाइल पर OTP आएगा। इस OTP को एंटर करने के बाद ही डॉक्टर आपकी डिटेल देख सकेगा। डॉक्टर इस डेटा को कॉपी और एडिट नहीं कर सकेगा।

क्या सभी को हेल्थ कार्ड बनवाना जरूरी होगा?

नहीं। अभी ये अनिवार्य नहीं है। आप चाहें तो बनवाएं, न चाहें तो न बनवाएं।

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