हाईकोर्ट ने पूछा- प्रिंसिपल से पूछताछ क्यों नहीं …. मैनपुरी के नवोदय विद्यालय कांड की जांच पर SIT की लगाई क्लास, कहा- सबूत दबाए रखा गया

मैनपुरी में नवोदय विद्यालय की छात्रा से रेप और हत्या के मामले में गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल और पुलिस पर सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा, ‘2 साल बीतने के बाद प्रिंसिपल ने कुछ पत्र अब SIT को दिए हैं। आखिर सबूत अभी तक क्यों दबाए रखा गया? जबकि इन्हीं पत्रों के आधार पर पुलिस पीड़िता की मां, मामा, नाना से पूछताछ कर रही है। प्रिंसिपल से पूछताछ क्यों नहीं हो रही है? SIT ने भी अभी तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया? वहीं, याची का कहना था कि पुलिस मां पर दबाव डाल रही है कि लिख दो बेटी ने खुदकुशी की है।

मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने पॉलीग्राफ टेस्ट के बारे में कहा कि इसका फैसला पीड़िता की मां का बयान दर्ज करने के बाद मजिस्ट्रेट करेंगे। याचिका की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।

SIT ने पेश की जांच की प्रगति रिपोर्ट

SIT की तरफ से जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश की गई। राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि हैदराबाद से 177 लोगों की DNA जांच रिपोर्ट आ गई है। लेकिन उसमें किसी का भी DNA मैच नहीं कर रहा है। जिसमें एक नेता के बेटे की जांच भी शामिल है।

177 लोगों की DNA जांच रिपोर्ट आ गई है। लेकिन उसमें किसी का भी DNA मैच नहीं कर रहा है।
177 लोगों की DNA जांच रिपोर्ट आ गई है। लेकिन उसमें किसी का भी DNA मैच नहीं कर रहा है।

19 संदिग्धों से पूछताछ कर बयान दर्ज हुए

सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि SIT ने मां, मामा सहित 19 संदिग्धों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए हैं। मां पूछताछ के समय बेहोश हो रही है। वह जांच में सहयोग नहीं कर रही है। अभी तक संकेत मिले हैं कि मां, मामा, नाना का दबाव था। जिसके चलते छात्रा ने खुदकुशी की। उसका किसी से संबंध रहा होगा। परिवार को पता होगा। नवोदय विद्यालय की प्रिंसिपल ने कुछ पत्र दिए हैं। जिस पर पूछताछ की जा रही है। मां नार्को टेस्ट के लिए तैयार नहीं है।

कोर्ट ने कहा- प्रिंसिपल प्राइम सस्पेक्ट है

कोर्ट ने कई बार कहा कि प्रिंसिपल के आचरण पर संदेह है। वह प्राइम सस्पेक्ट है। याची ने कहा कि अस्पताल की OPD रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्रा की लाश अस्पताल में लाई गई थी। जबकि पुलिस कह रही है कि अस्पताल में मौत हुई है। कहा गया कि पुलिस नामजद आरोपियों से पूछताछ नहीं कर रही है। पुलिस जिसकी बेटी मर गई, उसकी मां से ही पूछताछ कर परेशान कर रही है।

इसी विद्यालय में छात्रा का संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिला था।
इसी विद्यालय में छात्रा का संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिला था।

पुलिस अपराधियों का पता लगाने में कोताही बरत रही

न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अमरनाथ सिंह ने कहा कि छात्रा के कपड़ों पर सीमेन मिला था। वह प्रिंसिपल की सुरक्षा में हॉस्टल में थी। पुलिस अपराधियों का पता लगाने में कोताही बरत रही है। याची ने कहा प्रिंसिपल से पूछताछ नहीं की गई है। मां से घंटों पूछताछ होती है। पॉलीग्राफ टेस्ट करना है तो मां के साथ प्रिंसिपल का भी किया जाए। वार्डन से भी पूछताछ की जानी चाहिए। कहा जा रहा है कि लाश गंगा में बहा दी गई। पुलिस अपराधियों को पकड़ने की जगह आत्महत्या केस साबित करने में जुटी है।

2019 में छात्रा का शव फांसी पर लटकता मिला था
16 सितंबर 2019 को 16 साल की छात्रा ने अपने जवाहर नवोदय स्कूल में फांसी पर लटकती मिली थी। पुलिस ने शुरू में दावा किया था कि आत्महत्या का मामला है। दूसरी ओर उसकी मां ने आरोप लगाया था कि उसे परेशान किया गया, पीटा गया और जब वह मर गई तो उसे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया।

इस घटना को लेकर छात्रों ने प्रोटेस्ट किया था। परिवार ने भी कई दिनों तक धरना दिया था। मृतका के पिता ने मुख्यमंत्री से जांच की गुहार लगाई तो एसआईटी से जांच की गई। 24 अगस्त 2021 को एसआईटी ने केस डायरी हाईकोर्ट में पेश की थी।

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