निगम मंडल में चंबल-अंचल में सिंधिया खेमा मजबूत………

मध्यप्रदेश में निगम-मंडलों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजनीतिक नियुक्तियां कर दी हैं। सूची में 16 अध्यक्ष व 9 उपाध्यक्षों के नाम हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों का दबदबा रहा है। ग्वालियर-चंबल अंचल में 7 निगम-मंडल अध्यक्षों में से 5 सिंधिया समर्थक हैं। साथ ही, एक एंदल सिंह कंषाना ने भी सिंधिया समर्थकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दिया था।

गोहद के रणवीर जाटव भी सिंधिया समर्थक नहीं हैं, पर उनकी एंट्री में प्रदेश के गृहमंत्री की भूमिका अहम मानी गई थी। माना जा रहा है कि भाजपा सरकार में शामिल होते समय सिंधिया समर्थकों से जो वादा किया गया था, शिवराज सरकार ने उसे पूरा किया है। सीधे शब्दों में कहें, तो ग्वालियर-चंबल अंचल में सिंधिया का दबदबा नजर आ रहा है। भाजपा के कई चेहरे ऐसे थे, जिनको आशा थी, लेकिन वह रेस में पीछे रह गए हैं, क्योंकि वह भी जानते थे कि अंचल में निगम और मंडलों की नियुक्ति में सिंधिया समर्थक को प्रमुखता दी जाएगी।

सिंधिया के लिए दांव पर लगा दी थी विधायकी
ग्वालियर-चंबल अंचल में जिन 7 नेताओं को निगम-मंडल में अध्यक्ष बनाया गया है, वह सभी सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने सिंधिया समर्थन में विधायक पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को अल्पमत में ला दिया था। इससे भाजपा एक बार फिर सदन में बहुमत लेकर सरकार बनाने में कामयाब हुई थी। इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव में इन 7 समर्थकों को अपने-अपने क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा था।

रणवीर जाटव को हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है।
रणवीर जाटव को हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है।

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह के समर्थक खामोश
यह तो सभी जानते थे कि सिंधिया समर्थकों को निगम व मंडलों की नियुक्ति में तवज्जो मिलेगी, लेकिन यह नहीं पता था कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का ग्वालियर-चंबल अंचल से सूपड़ा साफ हो जाएगा। नरेंद्र सिंह तोमर के भी काफी लोग रेस में थे, लेकिन उनके नाम सिंधिया समर्थकों के त्याग के कारण पीछे छोड़ दिए गए

समर्थकों के वर्चस्व में दो केंद्रीय मंत्री की रेस
निगम-मंडलों में यह नियुक्तियां सिर्फ समर्थकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आने वाले समय में यह ग्वालियर के दो केंद्रीय मंत्री की दशा-दिशा का भी फैसला करेंगी। केंद्रीय नागरिक उड्‌डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच अंचल में वर्चस्व की जंग है। दोनों एक-दूसरे के बारे में कभी नहीं बोलते हैं, लेकिन समर्थकों के बीच कोल्ड वॉर जारी रहती है। सिंधिया भविष्य में ग्वालियर से राजनीतिक भविष्य को आगे बढ़ाएंगे यह भी तय है, क्योंकि वह जिस तरह से विकास कार्यों की बैठक और ग्वालियर में हर तीसरे दिन भ्रमण कर रहे हैं। यह किसी से छुपा नहीं है।

जसवंत जाटव को राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है।
जसवंत जाटव को राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है।

नरेंद्र सिंह से ज्यादा पूर्व सीएम उमा की चली
अंचल में केंद्रीय मंत्री सिंधिया के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की चली है। शिवपुरी के लोधी बाहुल्य इलाका पोहरी विधानसभा से दो भाजपाई नरेंद्र विरथरे और प्रहलाद भारती को निगम-मंडल में उपाध्यक्ष बनाकर जगह दी गई है। यहां भी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पीछे रह गए हैं।

सिंधिया समर्थकों की ये हुई नियुक्तियां
ग्वालियर अंचल से

  • इमरती देवी, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम
  • मुन्नालाल गोयल, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश राज्य बीज एवं फार्म विकास
  • जसवंत जाटव, अध्यक्ष, राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम

चंबल अंचल से

  • गिर्राज दंडोतिया, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम।
  • एंदल सिंह कंषाना, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  • रघुराज कंसाना, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम
  • रणवीर जाटव, अध्यक्ष, संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम

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