सबसे बड़े ऑनलाइन खिलाड़ी …. इन-ऐप खरीदारी में हमने सालभर में 3770 करोड़ रुपए खर्च किए, बैटल गेम कंपनियों को बनाया मालामाल

जाने वाला हर साल इंसान को कुछ सिखाकर, कोई पाठ पढ़ाकर ही विदा लेता है। पिछले दो साल में कोरोना काल के दौरान लोगों ने डिजिटली काफी कुछ सीखा हैं। फिर चाहे वो ऑनलाइन पेमेंट करने की बात हो। या फिर ऑनलाइन स्टडी या वर्क फ्रॉम होम की। बच्चे इस दौरान ऑनलाइन गेमिंग के करीब पहुंच गए। भारत अब गेमिंग ऐप के लिहाज से गूगल प्ले स्टोर और एपल प्ले स्टोर के लिए सबसे बड़े बाजारों में से एक है। भारतीयों ने मोबाइल गेम्स पर जमकर पैसे खर्च भी किए हैं।

क्राफ्टन इंक कंपनी में इंडिया और मिडिल ईस्ट एंड नॉर्थ अफ्रीका के हेड अनुज टंडन ने बताया कि 2020 से 2021 तक एक बड़ा बदलाव यह था कि लोगों ने मोबाइल गेम्स पर ज्यादा पैसे खर्च करना शुरू कर दिए हैं। 2020 में लोगों का गेम्स को लेकर इंगेजमेंट भी ज्यादा रहा है। 2022 में भी ये सिलसिला जारी रहेगा। ऐप की खरीदारी में इस साल ज्यादा तेजी आएगी।

रियल मनी गेम्स का रेवेन्यू 13 हजार करोड़ से ज्यादा
टंडन के अनुसार, बैटल रॉयल बेस्ड चार से पांच मोबाइल गेम भारत में इन-ऐप खरीदारी से 100 मिलियन डॉलर (करीब 754 करोड़ रुपए) से ज्यादा कमा रहे हैं। इन गेम्स का रेवेन्यू लगातार बढ़ रहा है। 2022 में इन-ऐप खरीदारी से देश की इकोनॉमी भी बूस्ट होगी। अभी इनमें रियल मनी गेम्स शामिल नहीं हैं। गेमिंग और इंटरेक्टिव मीडिया वेंचर फंड लुमिकाई और कंसल्टिंग फर्म रेडसीर की रिपोर्ट के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2020 में रियल मनी गेम्स का रेवेन्यू 1.8 बिलियन डॉलर (करीब 13.58 हजार करोड़ रुपए) तक पहुंच गया। उसका ओवरऑल इंडस्ट्री में 51% योगदान रहा।

भारत में रॉयल बैटल गेम्स हो रहे पॉपुलर
महामारी के दौरान मोबाइल गेम्स लोगों के लिए टाइमपास करने का बेहतर जरिया बने हैं। जिन गेम्स को एक साथ कई लोग खेल सकते हैं, उन्होंने परिवार और दोस्तों को साथ आने का मौका दिया। गेम्स लोगों के लिए मेलजोल बढ़ाने का तरीका भी बन गए।

गेम डेवलपमेंट फर्म सुपर गेमिंग के को-फाउंडर संकेत नाधानी ने कहा कि यदि आप एक सिंपल या हाइपर कैजुअल गेम कुछ दिनों के लिए खेलते हैं, तब इसमें पैसा खर्च नहीं करना चाहेंगे, लेकिन आप इन गेम्स को महीनों तक खेलना चाहते हैं तब इस अपग्रेड करने के लिए पैसा जरूर खर्च करेंगे। मास्कगन (MaskGun) जो एक शूटिंग गेम है। इसे दुनियाभर में 50 मिलियन (करीब 5 करोड़) से ज्यादा किया जा चुका है। अब ये भारत में टॉप गेम में शामिल हो चुका है।

मास्कगन को सुपर गेमिंग फर्म ने तैयार किया है। इस फर्म का रियल-टाइम सोशल मल्टीप्लेयर गेम सिली रोयाल (Silly Royale) अब तक का सबसे तेजी से बढ़ने वाला गेम बन गया है। इसे बीते 5 महीनों के दौरान 10 मिलियन (1 करोड़) से ज्यादा डाउनलोड किया गया है। पुणे स्थित स्टार्टअप एक इंडस नाम का बैटल रॉयल गेम बना रहा है। इसके अगले साल शुरू होने की उम्मीद है।

तेजी से बढ़ता एशियाई बाजार
मार्केट रिसर्च और कंसल्टिंग फर्म निको पार्टनर्स के अनुसार, भारत मोबाइल गेम्स और पीसी गेमिंग को लेकर एशिया का सबसे तेजी से बढ़ता बाजार बन गया है। 2021 में उसका प्रोजेक्टेड रेवेन्यू 534.1 मिलियन डॉलर (करीब 4 हजार करोड़ रुपए) रहने का अनुमान है। अगले पांच साल में इसकी कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) 29.8% रहने का अनुमान है। माना जा रहा है कि 2025 तक इसका रेवेन्यू 1.49 बिलियन डॉलर (करीब 11 हजार करोड़ रुपए) के पास पहुंच जाएगा। इसमें रियल मनी गेम्स का रेवेन्यू शामिल नहीं है।

नाजरा टेक्नोलॉजीज के चीफ एग्जीक्यूटिव मनीष अग्रवाल का मानना है कि गूगल प्ले और एपल प्ले स्टोर पर भारत में इन-ऐप खरीदारी लगभग 500 मिलियन डॉलर (करीब 3770 करोड़ रुपए) को पार कर रही है। पिछले 3 साल पहले फ्री फायर, कॉल ऑफ ड्यूटी मोबाइल, बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया जैसे मल्टी प्लेयर गेम्स की इन-ऐप खरीदारी 50 मिलियन डॉलर (करीब 377 करोड़ रुपए) थी, जिसमें 10 गुना की बढ़ोतरी हुई है।

गेम के लिए बड़ा अमाउंट बाहर आ रहा
गेमिंग सेक्टर में इस साल दो बड़े कैश एग्जिट देखे गए। वर्ड गेम्स डेवलपर प्लेसिंपल (PlaySimple) को स्वीडिश गेमिंग दिग्गज मॉडर्न टाइम्स ग्रुप द्वारा जुलाई में 510 मिलियन डॉलर (करीब 3845 करोड़ रुपए) में खरीद लिया गया। वहीं, बोर्ड और सोशल कार्ड गेम बनाने वाली कंपनी मूनफ्रॉग को स्वीडन के स्टिलफ्रंट ने फरवरी में 90 मिलियन डॉलर (करीब 679 करोड़ रुपए) से अधिक में खरीदा था।

99 गेम्स के फाउंडर रोहित भट ने कहा कि ये एग्जिट इस बात की पुष्टि करते हैं कि गेम्स किसी भी कंपनी के लिए अब उसके रेवेन्यू का सबसे बड़ा हथियार बनते जा रहे हैं। इंडस्ट्री के अनुमानों के अनुसार, इस सेक्टर में साल के दौरान 1.7 बिलियन डॉलर (करीब 12 हजार करोड़ रुपए) से अधिक का रिकॉर्ड निवेश देखा गया। जबकि रियल मनी गेम्स और फैंटेसी स्पोर्ट्स फर्म ने टोटल फाइनेंसिंग का लगभग 85-90% हासिल किया। गेमिंग कंपनियों में निवेश को लेकर कई कंपनियां अब दिलचस्पी लेने लगी हैं।

2022 में गेमिंग स्टोर कैसा रहेगा?
गेम डेवलपमेंट फर्म सुपर गेमिंग के को-फाउंडर संकेत नाधानी का कहना है कि भारत में कई शानदार कहानियां और पौराणित कथाएं हैं। दुनियाभर के लोग भारत से जुड़ी इन कथाओं में इंटरेस्ट लेते हैं। ऐसे में इन कहानियों और कथाओं से जुड़े गेम्स आने वाले कुछ सालों में तैयार किए जा सकते हैं। गेमिंग और इंटरेक्टिव मीडिया वेंचर फंड लुमिकाई और फर्म रेडसीर ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 60% गेमर्स भारत से जुड़े सब्जेक्ट, पौराणिक कथाओं और मशहूर हस्तियों वाले पात्रों के साथ गेम खेलना चाहते हैं।

रोहित भट का कहना है कि गेमिंग मनोरंजन का बेस्ट ऑप्शन बन चुका है। स्थानीय लोगों के रिस्पॉन्स से गेम्स को बड़ी आबादी लेना शुरू कर सकती है। अगर गेम्स को मास मार्केट के लिए टारगेट करना है तब इसमें कल्चरल रिसपॉन्स का होना बहुत जरूरी है। इसी वजह से गेमिंग कंपनियां गेम में भारत की संस्कृति की तरफ जा सकती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *