हील’ मेथड के जरिये सीख सकते हैं खुद को हमेशा खुश रखना, बस इसके पीछे की साइकोलॉजी समझ लीजिए

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले की एक रिसर्च के अनुसार, आप खुद को खुश रखना सीख सकते हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि जब आप अपने सकारात्मक अनुभवों से जुड़ी भावनाओं को मन में सक्रिय करते हैं, तो वर्तमान में भी वैसा ही महसूस करने लगते हैं। खुद को इस प्रक्रिया में ढालने के लिए आपको हील मेथड का इस्तेमाल करना होता है। आइए जानते हैं ये तरीका आखिर है क्या..

हील मेथड के पीछे की साइकोलॉजी

हिंदी में ‘हील’ का मतलब घाव भरना होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जब आप पुराने सकारात्मक अनुभवों को याद करते हैं, तब आप उनसे जुड़ी भावनाओं का एहसास फिर से करते हैं। ये भावनाएं आपको दूसरे अच्छे अनुभवों की याद दिलाती हैं, जिससे आपकी खुशी और बढ़ जाती है। इस प्रक्रिया के जरिये आप वर्तमान में भी पहले की तरह खुश रह सकते हैं। साथ ही, जीवन से जुड़े पुराने घावों को भरने की कोशिश कर सकते हैं।

हील मेथड कैसे काम करता है?

इस मेथड के चार स्टेप्स होते हैं..

1. अच्छा अनुभव करना: आप एक सकारात्मक अनुभव शारीरिक या मानसिक रूप से कर सकते हैं। उदाहरण- अपने परिवार से जुड़ी अच्छी यादें ताजा करना।

2. अनुभव से जुड़ी भावनाओं को समझें: रिसर्च के अनुसार, किसी अनुभव से जुड़ी खुशी को लंबे समय तक महसूस करने के लिए अपनी भावनाओं पर फोकस करना चाहिए। उस अनुभव से जुड़े हर पहलू के बारे में सोचें। जो चीज आपको सबसे ज्यादा खुश करती है, उसे बार-बार सोचें।

3. अनुभव को जीएं: अपनी मेमोरी में उस अनुभव के लिए एक अलग जगह बना लें। जब भी दिमाग में नकारात्मक ख्याल आएं, इन यादों को फिर से जीएं।

4. पॉजिटिव को करें नेगेटिव से लिंक: जीवन के ऐसे बहुत-से अनुभव होते हैं, जिनके साथ नकारात्मक भावनाएं जुड़ी होती हैं। जब ऐसी यादें आपके दिमाग में दोबारा आती हैं, तब आप उनमें भी कुछ सकारात्मक ढूंढे। उदाहरण- किसी करीबी से झगड़ा होने पर उस व्यक्ति की अच्छी आदतों के बारे में सोचने से आपका मन शांत होगा।

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