गाजियाबाद में पुलिस-किसानों में भिड़ंत …. आवास-विकास दफ्तर में घुसने का प्रयास करते किसानों से हाथापाई; सांसद-विधायक के गुमशुदा होने के पोस्टर लगे

गाजियाबाद में मंडोला विहार योजना को लेकर चल रहे धरने में मंगलवार को किसानों की पुलिस से भिड़ंत हो गई। किसान आवास-विकास के दफ्तर में घुसने की कोशिश कर रहे थे, पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा। इस दौरान दोनों तरफ से हाथापाई हो गई। इसमें एक किसान जख्मी हो गया। पुलिसकर्मी पर सिर पर डंडा मारने का आरोप है।

क्या है पूरा मामला?
गाजियाबाद में आवास-विकास ने मंडोला विहार योजना के तहत साल 1998 में 6 गांव (मंडोला, नानू, मिलक बामला, अगरोला, नवादा, मक्सूदाबाद) की 2614 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की थी। उस वक्त 1100 रुपए की दर से किसानों को मुआवजा दिया गया था। 2 दिसंबर, 2016 को मंडोला समेत 6 गांव के किसानों ने ‘2013 भूमि अधिग्रहण अधिनियम’ के तहत भूमि का मुआवजा देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। तब से विभिन्न तरह से किसान आंदोलन कर रहे हैं।

धरना दे रहे किसानों ने सांसद-विधायक की गुमशुदगी के पोस्टर लगाए हैं।
धरना दे रहे किसानों ने सांसद-विधायक की गुमशुदगी के पोस्टर लगाए हैं।

पुलिसकर्मी पर किसान को डंडा मारने का आरोप

किसानों ने आज मंडोला विहार योजना स्थित धरना स्थल पर केंद्रीय मंत्री एवं सांसद वीके सिंह और लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के गुमशुदा होने के पोस्टर लगा दिए। इन पोस्टरों पर लिखा था- वीके सिंह और नंदकिशोर गुर्जर व अन्य भाजपा नेता जो 2 दिसंबर 2016 को किसानों को धरने पर बैठाकर कहीं गुम हो गए, उन्हें तलाश करने में हमारी मदद करें। इन पोस्टरों को लगाने के बाद किसान आवास-विकास कार्यालय को घेरने के लिए रवाना हुए। पुलिस ने दफ्तर के गेट पर उन्हें रोक लिया। इसे लेकर दोनों तरफ से हाथापाई हो गई। पुलिस ने किसानों को पकड़कर दूर खींचना चाहा। आरोप है कि इस दौरान एक पुलिसकर्मी ने किसान के सिर में डंडा मार दिया। फिलहाल हंगामा शांत है और किसान फिर धरने पर बैठ गए हैं।

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