सोना ही सोना- जानिए सोने की खदान में कितना सोना निकलेगा

खदान से 50 साल तक निकाल सकेंगे सोना…..

भोपाल. मध्यप्रदेश में खनिजों की खदानें जल्द शुरू होंगी। राज्य सरकार ने इन खदानों को नीलाम करने के लिए निविदा जारी कर दी है। इनसे सरकार को हर साल 500 करोड़ से अधिक का राजस्व और दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। सीमेंट उद्योगों के लिए कच्चा माल भी उपलब्ध होगा। जिन खनिजों की खदानों की नीलामी की जा रही है उनमें लोहा व अन्य खनिजों सहित सोने की खदानें भी शामिल हैं।
सोने की खदान से जहां करोड़ों का राजस्व मिलेगा वहीं रोजगार भी बढ़ेगा. जानकारी के अनुसार ब्लॉक का कुल रकबा 150 हेक्टेयर है. खास बात यह है कि सोने की खदान में वाकई सोना ही सोना है. एक्सपर्ट के मुताबिक खदान के एक टन मिनिरल्स में करीब 1.03 ग्राम सोना निकलने का अनुमान जताया जा रहा है।
सरकार ने इन खदानों को नीलाम करने निविदा जारी कर दी है। उच्चतम बोली लगाने वाली कंपनियों को ही खदानें मिलेंगी। खनन से पहले कंपनियों को माइनिंग प्लान और पर्यावरण की अनुमति लेनी होगी। बताना होगा कि वे प्रति वर्ष कितनी मात्रा में खनन करेंगी। जितनी खदानों की नीलसमी की जा रही है, उनमें सबसे ज्यादा लाइम स्टोन, मैगनीज और बॉक्साइट की हैं।
gold.jpg12 खदानों की नीलामी शुरू, 50 साल की लीज पर दी जाएंगी— ये सभी खदानें कंपनियों को 50 साल की लीज पर दी जाएंगी। टेंडर में हिस्सा लेने की आखिरी तारीख 22 फरवरी है। बताया जाता है कि निविदा में शामिल होने आवेदन की दर 5 लाख रखी गई है। मैगनीज की खदानों के आवेदन के लिए फॉर्म की दर 25 हजार रुपए है।

इन कामों में उपयोगी हैं खनिज
लाइम स्टोन: सीमेंट उद्योग, रेलवे लाइन, चूना बनाने, निर्माण कार्य सहित अन्य।
मैगनीज: इसका कड़े स्टील के निर्माण में उपयोग होता है।
बॉक्साइट: एल्युमीनियम और सीमेंट उद्योगों में उपयोग होता है, यह प्रदेश के बाहर जाता है।

यह काम भी करेंगी कंपनियां
खदान चालू करने के पहले कंपनियां क्या-क्या काम करेंगी, इसकी जानकारी भी देनी होगी। वहीं बाद में सामाजिक दायित्व जिम्मेदारी के तहत सडक़, बिजली, पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी। इसके अलावा प्रति माह डीएमएफ में लाखों रुपए जमा करेंगी। इससे बच्चों की शिक्षा, लोगों के स्वास्थ्य, पेय जल सहित अन्य विकास कार्य किए जाते हैं।

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