कॉलोनियों को वैध करने की कवायद चुनावी नफे-नुकसान के लिए
जैसे ही कोई चुनाव आता है, नगरीय क्षेत्रों में बसी अवैध कॉलोनियों को वैध करने दावे और वादे होते हैं, लेकिन उसके बाद प्रक्रिया सुस्त पड़ जाती है।
मुरैना. 2016 के बाद से कॉलोनियों को वैध नहीं किया गया है, जबकि अवैध कॉलोनियों की बसाहट निरंतर जारी है। कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया लंबी खिंचने से इस अवधि में दर्जनों कॉलोनियां फिर अवैध तरीके से बस गई हैं।
जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में अवैध कॉलोनियों की संख्या 50 से अधिक है। इनमें से 1.5 लाख के करीब लोगों का निवास है। 100 के करीब और कॉलोनियां अवैध तरीके से विकसित की जा रही हैं। मजेदार बात यह है कि इन कॉलोनियों में जनप्रतिनिधियों के माध्यम से डब्ल्यूएम सड़कें भी बन गई हैं, नगरीय निकायों से हैंडपंप भी लगवा दिए गए हैं, बिजली भी पहुंच गई है। लेकिन पक्की सड़कों, नालियों, नल जल पाइप लाइन, स्ट्रीट लाइट, साफ-सफाई एवं कचरा संग्रहण वाहनों की समस्या है। जब नगरीय निकाय चुनाव आते हैं, इन अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा हो जाती है, लेकिन अगले चुनाव तक वे वैध नहीं हो पाती हैं।
जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में अवैध कॉलोनियों की संख्या 50 से अधिक है। इनमें से 1.5 लाख के करीब लोगों का निवास है। 100 के करीब और कॉलोनियां अवैध तरीके से विकसित की जा रही हैं। मजेदार बात यह है कि इन कॉलोनियों में जनप्रतिनिधियों के माध्यम से डब्ल्यूएम सड़कें भी बन गई हैं, नगरीय निकायों से हैंडपंप भी लगवा दिए गए हैं, बिजली भी पहुंच गई है। लेकिन पक्की सड़कों, नालियों, नल जल पाइप लाइन, स्ट्रीट लाइट, साफ-सफाई एवं कचरा संग्रहण वाहनों की समस्या है। जब नगरीय निकाय चुनाव आते हैं, इन अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा हो जाती है, लेकिन अगले चुनाव तक वे वैध नहीं हो पाती हैं।
छह वर्ष पहले हुई थीं आधा दर्जन वैध
करीब छह वर्ष पूर्व आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियों को सरकार ने वैध कर दिया था। इनमें एबी रोड किनारे विक्रम नगर सहित अन्य कॉलोनियां शामिल थीं। वर्ष 2016 में वर्ष 2012 के पहले की बसी कॉलोनियों को वैध किया गया था। लेकिन विधानसभा चुनाव 2018 के पहले फिर से बाकी कॉलोनियों वैध करने का ऐलान हुआ, लेकिन इसकी कवायद वीरबल की खिचड़ी साबित हो रही है।
करीब छह वर्ष पूर्व आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियों को सरकार ने वैध कर दिया था। इनमें एबी रोड किनारे विक्रम नगर सहित अन्य कॉलोनियां शामिल थीं। वर्ष 2016 में वर्ष 2012 के पहले की बसी कॉलोनियों को वैध किया गया था। लेकिन विधानसभा चुनाव 2018 के पहले फिर से बाकी कॉलोनियों वैध करने का ऐलान हुआ, लेकिन इसकी कवायद वीरबल की खिचड़ी साबित हो रही है।
इन क्षेत्रों में हैं अवैध कॉलोनियां
नगर में एबी रोड, जौरा रोड, अंबाह रोड, धौलपुर रोड सहित बस्ती के अंदर भी अनेक अवैध कॉलोनियां हैं। इनकी संख्या 30 से अधिक है, वहीं ३30 से ज्यादा अवैध कॉलोनियों और विकास किया जा रहा है। ऐसे में लंबित प्रक्रिया पूरी होने के बाद फिर से यही समस्या दूसरी कॉलोनियों में खड़ी हो जाएगी। नगरीय निकाय अवैध कॉलोनियों के विकास को रोक नहीं पा रहे हैं।
नगर में एबी रोड, जौरा रोड, अंबाह रोड, धौलपुर रोड सहित बस्ती के अंदर भी अनेक अवैध कॉलोनियां हैं। इनकी संख्या 30 से अधिक है, वहीं ३30 से ज्यादा अवैध कॉलोनियों और विकास किया जा रहा है। ऐसे में लंबित प्रक्रिया पूरी होने के बाद फिर से यही समस्या दूसरी कॉलोनियों में खड़ी हो जाएगी। नगरीय निकाय अवैध कॉलोनियों के विकास को रोक नहीं पा रहे हैं।
दो दर्जन कॉलोनियों में नामांतरण पर रोक
अवैध कॉलोनियों में रह रहे लोगों के सामने और भी अनेक संकट हैं। अंबाह में 15दिन पहले ही दो दर्जन कॉलोनियों के सर्वे नंबर जारी करके इनके नामांरण पर रोक लगा दी गई है। ऐसे ही अन्य नगरीय क्षेत्रों में भी नामांतरण नहीं हो पा रहे हैं।
अवैध कॉलोनियों में रह रहे लोगों के सामने और भी अनेक संकट हैं। अंबाह में 15दिन पहले ही दो दर्जन कॉलोनियों के सर्वे नंबर जारी करके इनके नामांरण पर रोक लगा दी गई है। ऐसे ही अन्य नगरीय क्षेत्रों में भी नामांतरण नहीं हो पा रहे हैं।
चुनाव के वक्त दिखती है सरगर्मी
नगरीय निकायों या विधानसभा चुनाव के समय अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कवायद गति पकड़ती दिखती है। लेकिन उसके बाद प्रक्रिया सुस्त पड़ जाती है।
फैक्ट फाइल
47 वार्डों में विभाजित है नगरनिगम क्षेत्र।
3 लाख से अधिक की आबादी है ननि की।
30 से ज्यादा कॉलोनियां हैं नगर में अवैध।
60 के करीब जिले भर में हैं अवैध कॉलोनियां।
1.5 लाख के करीब लोग निवास करते हैं यहां।
24 के करीब कॉलोनियों में नामांतरण पर है रोक जिले में।
नगरीय निकायों या विधानसभा चुनाव के समय अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कवायद गति पकड़ती दिखती है। लेकिन उसके बाद प्रक्रिया सुस्त पड़ जाती है।
फैक्ट फाइल
47 वार्डों में विभाजित है नगरनिगम क्षेत्र।
3 लाख से अधिक की आबादी है ननि की।
30 से ज्यादा कॉलोनियां हैं नगर में अवैध।
60 के करीब जिले भर में हैं अवैध कॉलोनियां।
1.5 लाख के करीब लोग निवास करते हैं यहां।
24 के करीब कॉलोनियों में नामांतरण पर है रोक जिले में।
कथन-
वार्ड नंबर तीन में काशीपुरा नई आबादी में मूलभूत सुविधाओं का नितांत अभाव है। सफाई तो होती ही नहीं है, कचरा संग्रहण वाहन भी नहीं आता। कई बार शिकायत कर चुके हैं, आश्वासन मिलता रहता है।
वार्ड नंबर तीन में काशीपुरा नई आबादी में मूलभूत सुविधाओं का नितांत अभाव है। सफाई तो होती ही नहीं है, कचरा संग्रहण वाहन भी नहीं आता। कई बार शिकायत कर चुके हैं, आश्वासन मिलता रहता है।
रवि बित्तल, स्थानीय निवासी
अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कवायद जारी है। प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है, नोटिफिकेशन शासन स्तर से ही होना है। उम्मीद है कि जल्द यह काम हो जाएगा।
केके शर्मा, उपयंत्री, ननि, मुरैना।
अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कवायद जारी है। प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है, नोटिफिकेशन शासन स्तर से ही होना है। उम्मीद है कि जल्द यह काम हो जाएगा।
केके शर्मा, उपयंत्री, ननि, मुरैना।