अब प्रदेश की राजनीति में राजा भैया की एंट्री …. जनसत्ता दल लोकतांत्रिक उतारेगी 100 प्रत्याशी, 22 वादों को लेकर मैदान में, 16 दावेदार हो चुके हैं घोषित
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया प्रतापगढ़ के कुंडा से निकलकर अब प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हो रहे हैं। इस विधानसभा चुनाव में वह प्रदेश की 100 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने जा रहे हैं। पार्टी के प्रधान महासचिव व पूर्व सांसद शैलेंद्र सरोज ने रविवार को प्रयागराज के सिविल लाइंस स्थित पार्टी कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि दूसरे दल से गठबंधन की बात चल रही है, लेकिन इसका निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भैया द्वारा किया जाना है।
प्रयागराज के फाफामऊ व सोरांव से प्रत्याशी घोषित
शैलेंद्र सरोज ने बताया कि पार्टी की ओर से प्रयागराज के दो सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की जा रही है। फाफामऊ विधानसभा सीट से लक्ष्मीनारायण जायसवाल व सोरांव से डॉ। सुधीर राय को प्रत्याशी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक 16 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की जा चुकी है। बाकी सीटों पर भी प्रत्याशी घोषित कर दिए जाएंगे।
22 वादों पर पार्टी लड़ेगी चुनाव
पार्टी की ओर से जो घोषणा पत्र जारी किया गया है, उसमें 15 मुद्दे बनाए गए हैं। इसमें हर वर्ग को जोड़ने का प्रयास किया गया है। छह मुद्दे तो महज किसानों के लिए हैं, जिसमें सिंचाई, अनुदान, नहरों में पानी आदि की बात कही गई है। इसी तरह छात्रों, बेरोजगार युवाओं, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों, दिव्यांगों आदि को प्रमुखता से स्थान दिया गया है।
राजा भैया का राजनीतिक सफर
कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का जन्म 31 अक्टूबर 1967 को कुंडा में हुआ था। रघुराज प्रताप सिंह भदरी रियासत से ताल्लुक रखते हैं। राजा भैया ने 1993 से राजनीतिक सफर की शुरुआत की। वह अखिलेश यादव की सपा सरकार में मंत्री भी रहे हैं। प्रतापगढ़ के कुंडा में डिप्टी एसपी जिया उल-हक की हत्या के सिलसिले में नाम आने के बाद रघुराज प्रताप सिंह को अखिलेश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि, क्लीनचिट मिलने के बाद उन्हें दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया था।
लगातार 6 बार से जीत रहे चुनाव
राजा भैया साल 1993 से अब तक लगातार 6 बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं। 1993 और 1996 में बीजेपी ने उन्हें परोक्ष रूप से सपोर्ट किया। जबकि 2002, 2007 और 2012 में सपा ने समर्थन किया।
कई सरकारों में रहें मंत्री
वह कल्याण सिंह, दिवंगत राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह व मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में मंत्री भी रहे हैं। इससे पहले, कुंडा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे नियाज हसन का कब्जा रहा। वह वर्ष 1962 से 1989 तक यहां से पांच बार विधायक रहे।
मायावती से अदावत है फेमस
राजा भैया की उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती से पुरानी सियासी अदावत रही है। मायावती ने बीजेपी विधायक पूरण सिंह बुंदेला की शिकायत पर 2 नवंबर, 2002 को रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को आतंकवाद निरोधक अधिनियम (POTA) के तहत गिरफ्तार करवाकर जेल में डलवा दिया। राजा भैया के साथ उनके पिता उदय प्रताप सिंह और चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था।
सरकार बनते ही मुलायम ने लिया था एक्शन
साल 2003 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के आधे घंटे के अंदर ही मुलायम सिंह यादव ने राजा भैया पर से पोटा के तहत सभी मुकदमे खारिज करने का आदेश दिया था। पोटा एक्ट के तहत राजा भैया 10 महीने तक जेल में बंद थे।