लखीमपुर हिंसा का आरोपी आशीष मिश्रा रिहा ….

मंत्री टेनी का बेटा 129 दिन बाद जेल से निकला, मीडिया से बचकर बंद गाड़ी में घर पहुंचा….

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसानों को कुचलने का आरोपी गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा मोनू रिहा हो गया है। वह 129 दिन बाद मंगलवार को जेल से बाहर आया। जेल के मेन गेट पर मीडिया का जमावड़ा था। इसलिए मोनू को पिछले गेट से बाहर निकाला गया। आशीष के शहर से बाहर जाने पर भी पाबंदी नहीं होगी।

मोनू सिंगल गाड़ी से घर पहुंचा। गाड़ी एसयूवी थी। मीडिया के लोगों ने घर तक पीछा किया, लेकिन मोनू चेहरा छिपाते हुए अंदर चला गया।

गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का बेटा (लाल घेरे में) आशीष मंगलवार को जेल से बाहर आया।
गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का बेटा (लाल घेरे में) आशीष मंगलवार को जेल से बाहर आया।

सोमवार को जिला जज ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए 3 लाख के दो जमानतदार और इतनी ही धनराशि के दो निजी मुचलके दाखिल करने का आदेश दिया था। जिस पर आशीष मिश्रा के अधिवक्ता अवधेश सिंह ने न्यायालय की प्रक्रिया पूरी करते हुए जमानत दाखिल की।

9 अक्टूबर को पकड़ा गया था आशीष
आशीष को SIT ने 9 अक्टूबर को पूछताछ के लिए पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच बुलाया था। जहां करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। तभी से आशीष लखीमपुर जेल में बंद था। जेल में आशीष को एक विशेष वर्ग की सेल में रखा गया था। यहां पर अन्य कैदियों का जाना मना था।

जेल प्रशासन का कहना है कि यह सब सुरक्षा के लिहाज से किया गया था। 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष को जमानत दी थी। इसके बाद संशोधित जमानत ऑर्डर 14 फरवरी को जारी किया गया।

आशीष मिश्रा को हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। मंगलवार शाम को रिहाई का आदेश जेल पहुंचा।
आशीष मिश्रा को हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। मंगलवार शाम को रिहाई का आदेश जेल पहुंचा।
आशीष मिश्रा की रिहाई की खबर मिलते ही मीडियाकर्मी जेल के दरवाजे पर जमा हो गए थे।
आशीष मिश्रा की रिहाई की खबर मिलते ही मीडियाकर्मी जेल के दरवाजे पर जमा हो गए थे।

5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल हुई थी
हाल ही में आशीष के खिलाफ चार्जशीट फाइल हुई थी। कुल 5,000 पन्नों की इस चार्जशीट को आशीष मिश्रा के खिलाफ पुख्ता सुबूत माना जा रहा था।

जिला अदालत से जमानत खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
जिला अदालत से जमानत खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।

सबसे अहम पाइंट ​​​​​
1. कुल 5,000 पन्नों की चार्जशीट है।
2. कुल गवाह हैं 208 जिनमें से 99 गवाहों के 164 बयान दर्ज हुए हैं।
3. इन गवाहों ने आरोपियों की मौजूदगी घटनास्थल पर बताई है।
4. बैलिस्टिक रिपोर्ट में आरोपियों के वेपन में नाइट्रेट (बारूद) पाया गया है।
5. चार्जशीट में लिखा है कि सुबह 2.35 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक सभी आरोपियों की लोकेशन हिंसा स्थल पर पाई गई है।
6. यह पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज में सामने आया है, यह पेट्रोल पंप हिंसा स्थल से 200 मीटर की दूरी पर है।
7. कुल आरोपी हैं- 17, इनमें से तीन की मौत हो गई है। एक आरोपी वीरेंद्र शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 201 के तहत मुकदमा चलेगा। वीरेंद्र शुक्ला मंत्री टेनी के बेटे आशीष मिश्रा का साला है। इस पर स्कॉर्पियो गाड़ी छिपाने का आरोप तय हुआ है, क्योंकि इसकी सजा 7 साल से कम है, इसलिए SIT ने इसे 41 का नोटिस देकर छोड़ दिया।

लखीमपुर में क्या हुआ था ?
लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में 3 अक्टूबर 2021 की दोपहर करीब तीन बजे किसान भारी मात्रा में प्रदर्शन कर रहे थे, तभी अचानक से तीन गाड़ियां (थार जीप, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो) किसानों को रौंदते चली गईं। घटना से आक्रोशित किसानों ने जमकर हंगामा किया। इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हो गई। इसमें 4 किसान, एक स्थानीय पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे।

यह घटना तिकुनिया में आयोजित दंगल कार्यक्रम में UP के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई। घटना के बाद उप मुख्यमंत्री ने अपना दौरा रद्द कर दिया था। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचला था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *