ग्रेटर नोएडा में डिजिटल सिस्टम तैयार करने के नाम पर 300 करोड़ के घोटाले का आरोप

ग्रेनो प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप …?

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ सहित 3 अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे है। IGRS पर पूर्व सीईओ समेत 3 बड़े अफसरों के खिलाफ एक समाजसेवी द्वारा शिकायत की थी ।जिसके बाद इसकी जांच शुरू हो गयी है।डिजिटल सिस्टम तैयार करने के नाम पर घोटाला करने का आरोप लगा है।IAS सौम्या श्रीवास्तव इस पूरे घोटाले की जांच कर रही है।

पूर्व सीईओ समेत तीन अफसर जांच के घेरे में

जिले के बादलपुर गांव के समाजसेवी राजेंद्र नागर ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पोर्टल पर शिकायत करते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ नरेंद्र भूषण सहित तीन अफसरों (महाप्रबंधक नियोजन और वरिष्ठ प्रबंधक सिस्टम ) पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।उन्होंने इन अधिकारियों द्वारा 300 करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप लगाया।

नियमों के खिलाफ कंपनी को किया गया भुगतान

शिकायतकर्ता ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर में डिजिटल सिस्टम तैयार किया गया था। और डिजिटल सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए एक नामी कंपनी को काम दिया गया था लेकिन अनुबंध की शर्तों के विपरीत उसे भुगतान कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कमीशन की आड़ में अतिरिक्त समय सीमा बढ़ाते हुए प्रत्येक महीने भुगतान किया गया ।इसी की आड़ में हेराफेरी कर 300 करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाया गया है।

300 करोड़ खर्च कर भी तैयार नहीं हुआ सॉफ्टवेयर

राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाते हुए बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब तक सॉफ्टवेयर को चालू कराने के लिए 300 करोड़ का भुगतान कर चुका है लेकिन उसके बावजूद भी सॉफ्टवेयर पूरी तरीके से तैयार नहीं है उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस कार्य में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। इसकी जांच होनी चाहिए।

आईएएस सौम्या श्रीवास्तव ने जांच की शुरू

आईजीआरएस पर शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले में जांच के निर्देश दे दिए हैं । जिसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अदिति सिंह ने विशेष कार्याधिकारी सौम्य श्रीवास्तव को यह जांच सौंप दी है। उन्होंने इस प्रकरण की जांच करके तथ्यात्मक आख्या 15 दिनों में उपलब्ध कराने के भी आदेश दिए हैं।

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