अग्निपथ हिंसा में 1000 करोड़ की रेल संपत्ति तबाह ….?

12 लाख लोगों की यात्रा रुकी, 1.5 लाख यात्री फंसे; 70 करोड़ रुपए रिफंड करने पड़े….

पिछले चार दिन से अग्निपथ योजना पर देश के कई हिस्सों में भारी बवाल मचा है। इसमें ट्रेनों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया। इससे रेलवे की संपत्ति और यात्रियों के रिफंड को मिलाकर कुल एक हजार करोड़ से ज्यादा के नुकसान की आशंका है। यही नहीं, 12 लाख लोगों को यात्रा रद्द करनी पड़ी। 922 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द हुईं। 120 मेल ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द हुईं।

डेढ़ लाख यात्रियों को बीच रास्ते में ट्रेन छोड़नी पड़ी। 5 लाख से ज्यादा PNR रद्द हुए। करीब 70 करोड़ रुपए का यात्रियों को रिफंड दिया गया। पूर्व मध्य रेल जोन को 241 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ। जिस सार्वजनिक संपत्ति को प्रदर्शनकारियों द्वारा अंधाधुंध निशाना बनाया जा रहा है, उसमें करोड़ों करदाताओं की गाढ़ी कमाई लगी हुई है।

रेलवे को कैसे नुकसान हुआ?
अग्निपथ योजना के विरोध में सोमवार को पटना में बुलाए गए भारत बंद की वजह से कई ट्रेनें कैंसिल हो गईं। पटना रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते यात्री।
अग्निपथ योजना के विरोध में सोमवार को पटना में बुलाए गए भारत बंद की वजह से कई ट्रेनें कैंसिल हो गईं। पटना रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते यात्री।

चार दिनों में देश भर में 922 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द हुई हैं। यदि एक PNR पर 3 यात्री मानें तो कुल 5 लाख से अधिक PNR रद्द हुए हैं, हर ट्रेन में औसतन 1200 से 1500 तक यात्री चलते हैं, जिससे करीब 12 लाख लोगों की यात्रा कैंसिल हुई।

रेल मंत्रालय ने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि एक यात्री का किराया कम से कम 600 रुपए मानें तो कुल 70 करोड़ रुपए का रिफंड लौटाया जा रहा है। इसमें AC 3, सेकंड AC और फर्स्ट AC के किराए को शामिल करें तो रिफंड 100 करोड़ रुपए का होगा। 827 पैसेंजर ट्रेनें कैंसिल रहीं। 120 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें आंशिक रूप से कैंसिल रहीं, जिससे करीब डेढ़ लाख यात्रियों को बीच में ही ट्रेन छोड़कर यात्रा रद्द करनी पड़ी।

एक ट्रेन की लागत क्या होती है?
मेल एक्सप्रेस 24 कोच की होती है। इंजन 12 करोड़ रुपए का है। AC कोच ढाई करोड़, स्लीपर जनरल कोच 2 करोड़ रुपए का होता है। एक ट्रेन 30 करोड़ रुपए की पड़ती है। विरोध में 21 ट्रेनें अलग-अलग जगह जलाई गईं।

 

सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में UP सबसे आगे
अग्निपथ योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन 19 राज्यों तक पहुंच चुका है। इस दौरान UP-बिहार में सार्वजनिक संपत्ति को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया गया। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2020 की रिपोर्ट देखें तो ऐसे मामलों में 28% तक की कमी आई थी, लेकिन UP समेत 6 राज्यों में केस बढ़े थे। केस की संख्या में उत्तर प्रदेश (2217) सबसे ऊपर है। तमिलनाडु (668) दूसरे नंबर पर है।

उद्योगपतियों ने भी कहा-हिंसा और उपद्रव गलत
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गाेयनका, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन व बायाेकाॅन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शाॅ ने अग्निपथ याेजना का समर्थन किया। कहा- प्रशिक्षित युवाओं के लिए राेजगार के अच्छे मौके हैं। हिंसा और उपद्रव गलत है।

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