सरकार, आपने भिखारी बना दिया हम छात्रों को:SSC परीक्षा पास छात्रों ने भिखारियों की लाइन में लगकर हाथ पसार मांगा खाना, भरा पेट
नागपुर से मुरैना पहुंचे डेढ़ सैकड़ा छात्र पैदल दिल्ली जा रहे हैं। SSC परीक्षा पास इन छात्रों को सरकार ने नियुक्ति पत्र नहीं दिया है। 16 माह से अन्दोलन कर रहे व पैदल चलते-चलते इनमें से कई की तबीयत बिगड़ गई। इनके पास खाने-पीने का सामान नहीं है। मुरैना पहुंचकर घिरौना मंदिर पर इन छात्रों ने भिखारियों की लाइन में लगकर खाना खाया। इन छात्रों ने खाना बांटने आए लोगों के सामने हाथ पसारे, तब उनको भोजन के पैकेट मिले। उन्होंने पेट भरा।
बता दें कि SSC की परीक्षा पास ये छात्र आम छात्रों की तरह सामान्य घरों के हैं। वर्ष 2018 में केन्द्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों में कान्सटेबल के पद के लिए परीक्षा आयोजित की थी। जिसमें इन छात्रों ने भी अन्य छात्रों के साथ ही लिखित व शारीरिक परीक्षा पास की थी। सरकार ने उनमें से 55912 छात्रों को नियुक्ति पत्र दे दिया था लेकिन शेष बचे चार हजार लोगों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला था। पिछले चार साल से यह छात्र अपना नियुक्ति पत्र पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं लेकिन सरकार इनकी सुनवाई नहीं कर रही है।
बीमार पड़ चुके 65 छात्र
नागपुर से दिल्ली की दूरी एक हजार किलोमीटर की है। इस दूरी को तय करने में इनमें से 65 छात्र बीमार पड़ चुके हैं, जिनमें से कुछ मुरैना जिला अस्पताल में भर्ती हुए हैं।
भिखारियों की लाइन में लगे तब मिला खाना
भूख और प्यास से बिलबिलाते यह छात्र देर शाम जब मुरैना के धौलपुर रोड स्थित घिरौना मंदिर पर पहुंचे तो वहां ने सड़क के किनारे भिखारियों की लाइन में इस उम्मीद में बैठ गए कि कोई दानदाता इन भिखारियों को भोजन देने आएगा तो उनको भी मिल जाएगा। उनकी यह उम्मीद बेकार नहीं गई और देर शाम मुरैना के एक पेट्रोल पंप मालिक अपनी गाड़ियों में खाने के पैकेट भरकर वहां पहुंचे और उन्होंने उन छात्रों को भोजन बांटा, तब कहीं जाकर इन छात्रों का पेट भरा।
दिल्ली रवाना
अगले दिन ये छात्र घिरौना मंदिर से दिल्ली की तरफ रवाना हो गए तथा अब उनका अगला पड़ाव धौलपुर हैं जहां वे फिर किसी मंदिर में भिखारियों की लाइन में लगकर भोजन के लिए हाथ पसारेंगे तब कहीं जाकर उनको भोजन मिलेगा।