विवादों से घिरे कर्नलगंज ACP का ट्रांसफर …? कानपुर हिंसा की जांच में लगे थे गंभीर आरोप;

पुलिस कमिश्नर को भंग करनी पड़ी थी SIT…

कानपुर के कर्नलगंज ACP त्रिपुरारी पांडेय का ट्रांसफर कर दिया गया है। उन्हें पुलिस ट्रेनिंग सेंटर यानी PTC पीटीसी, जालौन भेजा गया है। उन्होंने जालौन में जॉइन भी कर लिया है।

त्रिपुरारी पांडेय पर कानपुर हिंसा की जांच में गड़बड़ी का आरोप लगा था। पुलिस कमिश्नर की शिकायत के बाद उन पर कार्रवाई की गई है। उनकी कार्यशैली से पुलिस कमिश्नर भी लंबे समय से नाराज चल रहे थे।

पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा और एसीपी त्रिपुरारी पांडेय।
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा और एसीपी त्रिपुरारी पांडेय।

पुलिस कमिश्नर की नाराजगी ACP पर पड़ी भारी कानपुर की नई सड़क पर 3 जून को हिंसा हुई थी। मामले की जांच के लिए SIT बनाई गई थी। ACP त्रिपुरारी पांडेय को इसकी जांच की जिम्मेदारी दी गई थी। सूत्रों की मानें, तो उन पर आरोपियों को पकड़ने-छोड़ने जैसे कई गंभीर आरोप लगे थे। हिंसा की जांच से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं भी लीक करने का आरोप था। इसके बाद पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने उस SIT को भंग कर नई SIT बना दी थी।

कहा जा रहा है कि पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने भी ACP त्रिपुरारी पांडेय के खिलाफ रिपोर्ट दी थी। हालांकि ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि ACP का रुटीन ट्रांसफर हुआ है।

सिपाही से ACP तक का सफर
त्रिपुरारी पांडेय यूपी पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे। एक के बाद एक आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर वह ACP तक पहुंचे हैं। उन्हें मैनेजमेंट गुरु भी कहा जाता है। शहर के किसी भी क्षेत्र में बड़ी घटना या माहौल बिगड़ता था, तो उन्हें ही भेजा जाता था।

कानपुर में उन्होंने सुशील बच्चा जैसे ड्रग माफिया की गिरफ्तारी के साथ ही कई बड़े गुडवर्क भी किए। मगर, पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा से लगातार उनकी शिकायतों से नाराज थे।

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