पॉलिटेक्निक में घटा स्टूडेंट्स का रुझान …? 54367 सीटें हैं खाली, बेरोजगारी और प्राइवेट कॉलेज की ज्यादा फीस रही सबसे बड़ी वजह

यूपी में पॉलिटेक्निक को लेकर स्टूडेंट्स का इंटरेस्ट खत्म होता जा रहा है। इसका कारण ज्यादा फीस और नौकरी न मिल पाना है। यूपी के सरकारी, अनुदानित और निजी पॉलिटेक्निक संस्थानों में नए सत्र 2022-23 में अब तक करीब 54367 सीटें खाली है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की ओर से हुए पॉलिटेक्निक एंट्रेंस एग्जाम में कुल 228527 सीटों पर 185169 स्टूडेंट्स शामिल हुए। इसमें 174160 स्टूडेंट्स ही पास हुए। ऐसे में 54367 खाली सीटें हैं।

प्राइवेट कॉलेजों में सबसे ज्यादा सीटें खाली
प्रदेश में ऐसी ही स्थिति बीते सालों में भी देखने को मिली थी। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान प्राइवेट कॉलेज का हो रहा है। उनकी ज्यादातर सीटें खाली है। राजकीय और अनुदानित संस्थानों में तो कम फीस की वजह सीटें भर जाती हैं। मगर, प्राइवेट कॉलेजों में ज्यादा फीस की वजह से सीटें खाली रह जाती हैं।

प्रदेश में 154 राजकीय, 19 अनुदानित और 1177 निजी पॉलिटेक्निक संस्थान हैं। राजकीय संस्थानों में 11 और अनुदानित संस्थानों में एक साल की 19 हजार फीस ली जाती है। जबकि प्राइवेट कॉलेज की एक साल की फीस 30 हजार है।

अगले हफ्ते तक जारी होगा काउंसलिंग का शेड्यूल
18 जुलाई को जारी हुए जेईईसीयूपी की प्रवेश परीक्षा के परिणाम के बाद अबतक काउंसलिंग का शेड्यूल जारी नहीं किया गया है। जेईईसीयूपी के अधिकारी आठ राउंड की काउंसलिंग से सीटों को भरने की बात कर रहे हैं। आठ राउंड की काउंसलिंग पूरी होने में दो महीने का समय लगेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि नया सत्र भी देरी से शुरू होगा।

नौकरी न मिल पाना है सबसे बड़ी वजह
पॉलिटेक्निक के प्रति छात्रों का रुझान घटने का प्रमुख कारण छात्रों को नौकरी न मिलना है। ग्रुप ए (डिप्लोमा इंजीनियरिंग), ई ग्रुप (फार्मेसी) और मैनेजमेंट के डिप्लोमा कोर्सों को छोड़ दें तो अन्य ग्रुपों के छात्रों को प्लेसमेंट मिलना मुश्किल होता है। इसलिए उनका रुझान पॉलिटेक्निक की तरफ घट रहा है।

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