जेल में ही रहेगा मंत्री टेनी का बेटा आशीष मिश्रा …? रिकॉर्ड ऐसे कि रिहा नहीं कर सकते..

लखनऊ हाईकोर्ट से जमानत अर्जी खारिज, कहा- रिकॉर्ड ऐसे कि रिहा नहीं कर सकते….

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मंगलवार को लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा मोनू की जमानत अर्जी खारिज कर दी। आशीष, देश के गृह राज्य मंत्री लखीमपुर सांसद अजय मिश्रा टेनी का बेटा है। बेंच ने कहा, ”रिकॉर्ड पर उपलब्ध तथ्यों के मद्देनजर आशीष मिश्रा को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है।”

आशीष ने जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। 15 जुलाई को आखिरी बार बहस हुई थी। दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस कृष्ण पहल की एकल पीठ ने जमानत अर्जी पर आदेश सुरक्षित रख लिया था। आशीष मिश्रा ने 18 अप्रैल को सरेंडर किया था, तब से वह लखीमपुर जेल में बंद है।

तिकुनिया में किसानों की मौत के बाद हिंसा भड़क गई थी। किसानों ने 4 भाजपा समर्थकों को पीट-पीटकर मार डाला था।

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था किसान पक्ष
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी। इसके विरोध में किसान पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आदेश को निरस्त कर दिया था। आशीष मिश्रा को एक सप्ताह में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। साथ ही हाईकोर्ट को निर्देश दिए थे कि वह पीड़ित पक्ष को पर्याप्त मौका देकर जमानत याचिका पर फैसला सुनाए।

3 अक्टूबर 2021 को क्या हुआ था
तिकुनिया के अग्रवाल इंटर कॉलेज के मैदान में 3 अक्टूबर 2021 समय लगभग 3:30 बजे किसान प्रदर्शन कर रहे थे। बनवीरपुर में हो रहे दंगल कार्यक्रम में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बतौर मुख्य अतिथि पहुंचना था।

इस दौरान चार-पांच गाड़ियों में आए लोगों ने किसानों पर कार चढ़ा दी। यहीं से हिंसा भड़क गई, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी। किसान पक्ष के जगजीत सिंह सुखदेव सिंह सतनाम सिंह की तहरीर पर तिकुनिया थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया और इस मामले की विवेचना एसआईटी ने की।

गुस्साए किसानों ने मंत्री पुत्र की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया था।

17 लोग बनाए गए आरोपी
जांच में लिखा कि इस पूरे हिंसा कांड में 208 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। विवेचक ने इस हिंसा कांड में 17 लोगों को अभियुक्त बनाया है, जिसमें तीन लोगों की मौत हो चुकी है। एक अभियुक्त को सबूतों से छेड़छाड़ का दोषी पाया गया, उसे बेल मिल चुकी है। बाकी के 13 आरोपी जिला कारागार लखीमपुर में बंद हैं।

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