कानपुर हिंसा में बड़ा एक्शन …? मुख्य आरोपी हयात पर NSA, हाजी वसी और मुख्तार बाबा समेत 4 पर लगा गैंगस्टर
कानपुर में तीन जून को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा मामले में आरोपियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी के खिलाफ NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980) लगाया गया है। वहीं अन्य आरोपियों हाजी वसी, अकील खिचड़ी, शफीक और मुख्तार बाबा पर गैंगस्टर लगाया गया है।
डीएम विशाख जी अय्यर ने बताया, “हयात जफर पर गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की कार्रवाई की गई है। हयात जफर की सेशन कोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो गई थी। हाईकोर्ट में जमानत याचिका डालते ही NSA की कार्रवाई की गई है।
पुलिस का तर्क- जेल से छूटा तो अशांति फैल सकती है
पुलिस ने NSA लगाने को लेकर कई अहम आधार दिए हैं। जिसमें बताया गया है कि हयात जफर हाशमी ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया। इससे समुदायों में नफरत की भावना फैली थी। समाज में लोगों के बीच उसको लेकर डर बना हुआ है। अगर वह जेल से छूटा तो अशांति फैल सकती है। बवाल हो सकता है। इसी आधार पर उसके खिलाफ NSA लगाया गया है।
हाजी वसी और मुख्तार बाबा ने हिंसा के लिए फाइनेंस किए थे: पुलिस कमिश्नर
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया, “बिल्डर हाजी वसी और मुख्तार बाबा ने हिंसा के लिए लाखों रुपए मुख्य आरोपी समेत अन्य को फाइनेंस किया था। हिंसा में पर्दे के पीछे रहकर दोनों कानपुर को हिंसा की आग में झोंकने के लिए साजिश रची थी। इसके साथ ही सफीक और हिस्ट्रीशीटर अकील की हिंसा में अहम भूमिका थी। इसके चलते इन चारों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है।”
जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने चंद्रेश्वर हाता पर किया था हमला
कानपुर में 3 जून 2022 को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान हिंसा हुई थी। नई सड़क पर जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने चंद्रेश्वर हाता पर हमला बोल दिया था। पथराव, फायरिंग और हमले में लगभग 12 लोग घायल हुए थे।
पुलिस अब तक मामले में 62 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। हिंसा की जांच कर रही SIT (Special Investigation Team) की विवेचना में सामने आया था कि एमएम जौहर फैंस एसोसिएशन का अध्यक्ष हयात जफर हाशमी हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता है। उसी ने विरोध प्रदर्शन की आड़ में हिंसा को अंजाम दिया था।