मिड-डे मील के हाल:सिंगरौली के कुछ स्कूलों में मेन्यू को दरकिनार कर परोसा जा रहा घटिया भोजन

सरकारी स्कूलों में लाखों रुपए खर्च के बावजूद माध्याह भोजन की स्थिति नहीं सुधर रही है। सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने व उनके पोषण संबंधी स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से सरकार ने एमडीएम (मिड-डे मील) योजना शुरू की थी लेकिन बच्चों को आधा पेट ही भोजन मिल रहा है।

स्कूलों में बच्चों को न तो गुणवत्तापूर्ण स्वरुचि भोजन मिल रहा है और न ही मेन्यू पर ध्यान दिया जा रहा है। बच्चों को सप्ताह भर दिए जाने वाले भोजन को मेन्यू के अनुसार नहीं परोसा जा रहा है। सिंगरौली जिले के शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में सब्जी के नाम पर आलू व सोयाबीन बड़ी परोसी जा रही है।

पापड़, सलाद, खीर व चटनी तो थाली से गायब है। जिससे बच्चों को पौष्टिक भोजन नहीं मिल रहा है। कुछ स्कूलों में सिर्फ एक बार आधा-अधूरा भोजन परोसकर खानापूर्ति कर ली जा रही है। दैनिक भास्कर की टीम ने शहर और ग्रामीण अंचलों में संचालित सरकारी स्कूलों में एमडीएम की स्थिति देखी। यहां पर सुधार की काफी गुंजाइश नजर आई।

हल्दी नमक के घोल से बना रहे सब्जी, घर से ला रहे टिफिन

स्कूली छात्र-छात्राओं ने बताया कि आधा भोजन ही दिया जाता है। थोड़ा चावल नाम मात्र की दाल व रसीली आलू की सब्जी परोसी जाती है। सब्जी में आलू के साथ हल्दी नमक की घोल के साथ सब्जी तैयार कर परोस देते हैं। छात्राएं अपने घर से टिफिन लेकर स्कूल आती है । ग्रामीण अंचल के जोगियानी गांव के सरकारी स्कूल में छात्राओं ने बताया कि भोजन खराब मिलता है, जिसके कारण घर से टिफिन लेकर आना पड़ता है।

ये हाल किसी एक सरकारी स्कूल का नही है बल्कि जिले के कई ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों में मिड डे का है, जहां बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे में ही डाका डाल दिया जाता है। डीएम जी जनसुनवाई में मिड डे की शिकायत लेकर कचनी, जोगियानी सहित कई अन्य गांवों में संचालित सरकारी स्कूलों की छात्र, छात्राएं पहुंचकर डीएम से शिकायत किये है ।

केस 1

प्राथमिक स्कूल जोगियानी में मिड डे में मेन्यू ही गायब दिखा, बच्चों को सिर्फ दाल व चावल परोसा गया, बच्चों ने बताया कि हर रोज हमे दाल और चावल ही मिलता है। अधिकतर बच्चें हर से टिफिन ले आते है ।

केस 2

खैराही गांव में कक्षा 1 से 5 तक के लिए अलग और 6 से 8 तक के लिए अलग अलग समूह के द्वारा मिड डे दिया जाता है। यहां भी बच्चों को सिर्फ दाल और चावल ही मिलते है, कभी कभार आलू की सब्जी मिल जाती है। मेन्यू के अनुसार हर रोज पापड़, सलाद व चटनी भी दिया जाना तय किया गया है, लेकिन पोषण की इस थाली में यह सब गायब रहा।

क्या कहते है जिले के जिम्मेदार

वहीं जब  …. की टीम ने जिले जिलाधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि मंगलवार की जनसुनवाई में मेन्यू के अनुसार मिड डे न दिये जाने की शिकायत मिली है। जांच के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिए है।

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