‘ED विपक्ष को प्रताड़ित करने का टूल’ …? वाराणसी में बोले कार्ति चिदंबरम- रेड मारना इन्वेस्टिगेशन का पार्ट नहीं, नेशनल हेराल्ड केस पर की बातचीत

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम वाराणसी में हैं। रविवार को उन्होंने बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, काल भैरव और संकट मोचन मंदिर में दर्शन किया। नेशनल हेराल्ड मामले में कार्ति चिदंबरम ने कहा, ”ED विपक्ष को प्रताड़ित करने का टूल बन गया है। रेड मारना और इनक्वायरी करना इन्वेस्टिगेशन का पार्ट नहीं है।”

 ….से बातचीत में उन्होंने बढ़ती महंगाई पर कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन और 2024 लोकसभा चुनाव की स्ट्रैटजी और जांच एजेंसियों की भूमिका पर खुलकर बात की।आइए, अब उनसे हुई बातचीत पढ़ते हैं…

सवाल: नेशनल हेराल्ड केस और ED की भूमिका पर आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: 
ED का इस्तेमाल पॉलिटिकल माइलेज के लिए हो रहा है। 12 साल पुराने केस नेशनल हेराल्ड के मामले में बिना वजह राजनीतिक लाभ लिया जा रहा। आज कल एजेंसी की आड़ में विपक्षियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। इनकम टैक्स से लेकर तमाम जांचें हो गईं, मगर अभी तक कोई गड़बड़ी नहीं मिली। जबरदस्ती मामले को तूल देकर खींचा जा रहा है।

सवाल: कांग्रेस ने काले कपड़े पहनकर विरोध किया। क्या, जांच से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश थी?
जवाब: 
रेड मारना और इनक्वायरी करना कभी इन्वेस्टिगेशन का पार्ट है ही नहीं। भाजपा विपक्षियों को डराने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। यह गलत आरोप लगा रहे कि ED की कार्रवाई से डरकर कांग्रेस सड़कों पर उतरी। हम लोग महंगाई, प्राइस राइज, GST की समस्याएं और अन्य कई मुद्दों को लेकर विरोध हमेशा करेंगे। स्पष्ट बात यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को यह ध्यान दिलाना होगा कि सरकार आम आदमी का नुकसान कर रही है।

सवाल: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस की स्ट्रैटजी क्या है?
जवाब: लोकसभा चुनाव आज से 20 महीने बाद होंगे। अभी तो काफी समय है। भाजपा सरकार की कार गुजारियों को उजागर करेंगे। हम लोग कई दूसरी राजनीतिक पार्टियों के साथ सहयोग करके आगे आएंगे। भाजपा सरकार ने भारत के घरेलू व्यापार को चौपट कर दिया है। पहला, डिमॉनेटाइजेशन, दूसरा बिना प्लानिंग के लॉकडाउन लगाना और तीसरा अस्पष्ट GST कानून। हम इन्हीं के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे और जनता तक सच्चाई पहुंचाएंगे।

सवाल: किसके नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव लड़ेगी? जनता की नजर में हीरो बनकर कौन उभरेगा?
जवाब:
 पूरी दुनिया आज पर्सनालिटी बेस पॉलिटिक्स पसंद कर रही है। कोई चाहता ही नहीं कि चुनाव मुद्दा आधारित हो। भारत में भी यही स्थिति है। सबको लगता है कि कोई सुपरमैन या सुपरहीरो आएगा, हमारा दिल जीतेगा और हम उसको वोट देंगे। फिर, सब कुछ बदल देगा।

भारत सवा सौ करोड़ जनसंख्या वाला देश है। यहां की विविधता ही खूबी है, जो कि ‘कलेक्टिव लीडरशीप’ की बात करती है। इसका मतलब है कि हम यहां पर सामूहिक सहयोग से ही बेहतर विकास कर सकते हैं। छोटी-बड़ी पार्टियां सबको मिलाकर ही देश का भला होगा। सत्ता की पूरी शक्ति कुछ ही हाथों में होना घातक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *