MP की दूसरी सबसे ऊंची हाइड्रोलिक अब भोपाल में ..!

साढ़े 5 करोड़ रु. में खरीदी, 18 मंजिल तक रेस्क्यू कर सकेगी; ग्वालियर में आ चुकी पहली मशी ..

ऑटोमेटिक हाइड्रोलिक फायर मशीन गुरुग्राम से आई है। कंपनी के ऑपरेटर मशीन का ट्रायल ले रहे हैं और निगम के 8 ड्रायवरों को ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। एक सप्ताह तक ट्रेनिंग चलेगी। इसके बाद यह मैदान में उतार दी जाएगी। करीब ढाई साल पहले दिए आर्डर के बाद यह फायर मशीन राजधानी में आ पाई है।

मशीन में बैठे कर्मचारी
ट्रायल के दौरान ड्रायवरों को जहां मशीन को चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। वहीं, सभी फायर ऑफिसर और कर्मचारियों को मशीन के बकैट (रेस्क्यू केज) में भी बैठाया गया। ताकि, वे ऊंचाई पर पहुंचकर ट्रायल ले सके।

पुलिस कमिश्नर कार्यालय परिसर में खड़ी हाइड्रोलिक फायर मशीन। यहां पर कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
पुलिस कमिश्नर कार्यालय परिसर में खड़ी हाइड्रोलिक फायर मशीन। यहां पर कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।

360 डिग्री पर घूम सकती है मशीन
नगर निगम के अपर आयुक्त केपी सिंह परिहार ने बताया, हाइड्रोलिक मशीन 17 से 18 मंजिला इमारत तक पहुंचने की क्षमता रखती है। यह रेस्क्यू में भी काम आएगी। यह मशीन मेक इन इंडिया है और 360 डिग्री पर भी घूम सकती है। पुलिस कमिश्नर कार्यालय परिसर में मशीन खड़ी की गई है। दो दिन से ट्रायल कर कर रहे हैं। ड्रायवरों को मशीन और गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। मशीन से जुड़ी हर बारीकीं समझाई जा रही है। एक से दो सप्ताह तक ट्रेनिंग दी जाएगी।

दो बड़ी चुनौतियां भी

  • निगम के फायर बेड़े में शामिल 52 मीटर ऊंची ऑटोमेटिक हाइड्रोलिक फायर मशीन की चौड़ाई ज्यादा है। ऐसे में शहर की संकरी सड़कों पर उसे ले जाना मुश्किल रहेगा।
  • ग्वालियर में हादसा हो चुका है। ऐसे में इसे ऑपरेटर करने वाले कर्मचारियों का पूरी तरह से दक्ष होना जरूरी। अपर आयुक्त परिहार ने बताया, हमारी कोशिश है कि कंपनी के ऑपरेटर एक साल तक यहां रहे। ताकि, कर्मचारी इसे अच्छी तरह से ऑपरेटर करना सीख लें।
ग्वालियर में पिछले साल अगस्त में ऑटोमेटिक हाइड्रोलिक फायर मशीन की वजह से बड़ा हादसा हो गया था और 3 कर्मचारियों की मौत हो गई थी। यह मामला प्रदेशभर में सुर्खियों में रहा था।
ग्वालियर में पिछले साल अगस्त में ऑटोमेटिक हाइड्रोलिक फायर मशीन की वजह से बड़ा हादसा हो गया था और 3 कर्मचारियों की मौत हो गई थी। यह मामला प्रदेशभर में सुर्खियों में रहा था।

ग्वालियर में हो चुका बड़ा हादसा, इसलिए भी चिंता
मध्यप्रदेश की पहली 52 मीटर हाइड्रोलिक फायर मशीन ग्वालियर है। इसकी वजह से बड़ा हादसा भी हो चुका है। इसलिए भी चिंता सता रही है। बता दें कि ग्वालियर में 14 अगस्त 2021 को महाराज बाड़ा स्थित नगर निगम के भवन पर लगे भारतीय झंडे की डोरी बदलने के लिए नगर निगम कर्मचारियों को तत्कालीन प्रभारी फायर ऑफिसर उमंग प्रधान ने पहुंचाया था। यह करीब 65 फीट की ऊंचाई पर झंडे की डोरी बदलने के बाद अचानक हाइड्रोलिक क्रेन के जैक और प्लेटफार्म उखड़ने और टूटने से क्रेन नीचे आ गिरी थी। इसमें निगम के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी। स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले इतना बड़ा हादसा होने के बाद काफी हंगामा खड़ा हुआ था। खुद मुख्यमंत्री ने तत्काल मृतक कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सहायता और नौकरी की बात कही थी।

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