जेपी अस्पताल में सीटी स्कैन घोटाला ..!

घोटाला खुला तो बिल 7 लाख से घटकर 1.62 लाख हुआ, जांच रिपोर्ट सौंपी; कार्रवाई का इंतजार  …

जेपी अस्पताल में सीटी स्कैन घोटाला उजागर होने के बाद अब बिलों में सुधार होने लगा है। पहले जहां एक महीने का बिल 7 लाख रुपए तक आ रहा था, वह अब घटकर 2 लाख रुपए से भी कम हो गया है। मामले की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है। जेपी अस्पताल में 2017 से सीटी स्कैन यूनिट का संचालन जयपुर की फर्म सिद्धार्थ डायग्नोस्टिक सेंटर कर रही है। फर्म को यह जिम्मा पीपीपी मोड पर दिया गया है।

इसके तहत बीपीएल कार्ड धारकों को मुफ्त और एपीएल कार्ड धारकों के लिए 933 रुपए में सीटी स्कैन की सुविधा दी जाती है। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से दस्तावेजों में हेरफेर करके फर्जी सीटी स्कैन किए जा रहे थे। पहले जो बिल करीब 3 लाख के आसपास आते थे,वह बढ़ते हुए करीब 7 लाख तक पहुंच गए। दैनिक भास्कर ने 30 सितंबर के अंक में ‘डॉक्टरों ने लिखे सिर्फ 240 सीटी स्कैन, किए 720, सीने में दर्द था, गला और घुटने के भी स्कैन करा डाले’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर मामला उजागर किया। इस पर अस्पताल प्रबंधन ने जांच की और गड़बड़ी पकड़ी।

लगातार कम होता जा रहा बिल
माह फर्म का बिल
जुलाई 2.78 लाख
अगस्त 2.33 लाख
सितंबर 1.62 लाख

जांच रिपोर्ट सौंपी कार्रवाई का इंतजार
जेपी अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में तीन डॉक्टरों की कमेटी बनाकर इस मामले की जांच कराई थी। जांच में गड़बड़ी मिली तो फर्म को नोटिस भी दिया। फर्म की ओर से दिए गए जवाब के साथ ही 30 सितंबर को रिपोर्ट आला अफसरों को भेज दी गई थी। लेकिन, अब तक फर्म के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

मामला पकड़ में आया तो जांच कराई और रिपोर्ट आगामी कार्रवाई के लिए आला अफसरों को भेज दी है। यह सही है कि फर्म की ओर से अभी जो बिल लगाए गए हैं, उनकी राशि में कमी आई है।
डॉ. राकेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल

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