पर्याप्त सफाई कर्मचारी फिर भी जगह-जगह कचरा कारण- कर्मचारियों की ठीक ढंग से तैनाती नहीं की

प्रशासन की अनदेखी ..
स्वच्छता सर्वेक्षण में भले ही इस बार भिंड शहर सफाई के मामले में टॉप-100 में रहा हो। लेकिन वर्तमान में शहर के अंदर जगह जगह गंदगी के ढेर दिखाई दे रहे हैं। जबकि स्थिति यह है कि भिंड नगरपालिका में सफाई कर्मचारियों की एक बड़ी फौज भी है। बावजूद इसके शहर में न नियमित रूप से सफाई हो रही, न ही कचरे का उठाव हो रहा है। गंदगी की वजह से शहर की सूरत बिगड़ रही है।

बता दें कि भिंड शहर की आबादी करीब ढाई लाख है। नगरीय प्रशासन विभाग के गाइड लाइन के अनुसार 500 की आबादी पर एक सफाई कर्मचारी के मान से शहर में 500 से ज्यादा सफाई कर्मचारी तैनात है। इसमें 130 कर्मचारी स्थाई हैं। जबकि 400 कर्मचारी अस्थाई हैं। बावजूद इसके शहर में सफाई की स्थिति बहुत ही ज्यादा लचर है। आलम यह है कि शहर के कई वार्डों में नियमित रूप से झाडू तक नहीं लग रही है। वहीं मुख्य मार्गों और पॉश इलाकों में लगे कचरे के ढेर शहर की सूरत बिगाड़ रहे हैं। जबकि जिम्मेदार अफसर इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

नगरपालिका अधिकारियों की मानें तो शहर में हर रोज 30 से 35 टन कचरा निकलता है। जबकि दीपावली के त्याेहार पर हर रोज निकलने वाले कचरे की मात्रा डेढ़ गुना बढ़ जाती है। वहीं नगरपालिका इस कचरे का नियमित उठाव नहीं कर पा रही है।

कलेक्टर ने जताई नाराजगी, तब सड़क पर उतरा नगर पालिका का अमला
कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने गुरुवार को इंदिरा गांधी चौराहा से लहार रोड चौराहा तक भ्रमण के दौरान गंदगी के ढेर देखे, जिस पर उन्होंने नगरपालिका पर नाराजगी जताई। वहीं कलेक्टर की नाराजगी के बाद नगरपालिका का अमला शहर के मुख्य मार्गाे पर सफाई के लिए उतरा। वहीं सीएमओ वीरेंद्र तिवारी ने भी पांच सफाई दरोगाओं की ड्यूटी लगाकर इंदिरा गांधी चौराहा से लहार रोड चौराहा तक सड़क के दोनों ओर सफाई कराई। यह पूरा अभियान स्वच्छता निरीक्षक रविंद्रपाल सिंह भदौरिया और नरेंद्र गुप्ता के निर्देशन में चला, जिसमें 50 से ज्यादा सफाई कर्मचारी सफाई में लगे।

चार- पांच दिन बाद कचरा लेने आ रहे वाहन
शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए नगरपालिका के बेड़े में 39 छोटे वाहन है। लेकिन एक वार्ड में एक वाहन चार से पांच दिन बाद कचरा लेने घर तक पहुंचता है। इसके पीछे वजह यह है कि शहर में 39 वार्ड हैं। ऐसे में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए प्रत्येक वार्ड के लिए सिर्फ एक गाड़ी है। वहीं कई वार्ड ऐसे हैं जो काफी बड़े हैं। ऐसे में एक गाड़ी एक दिन में बमुश्किल चार से पांच चक्कर लगा पाती है। परिणामस्वरूप एक घर पर कचरा लेने के लिए गाड़ी का नंबर चार से पांच दिन बाद आ पाता है। वहीं इनमें भी दो से चार वाहन के हर रोज खराब रहने के कारण समस्या ओर बढ़ जाती है। हालांकि नगरपालिका अधिकारियों का कहना है कि डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए 14 छोटे वाहन ओर क्रय किए जा रहे हैं, जिसके बाद डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था में सुधार आएगा।

क्षेत्र के हिसाब से कर्मचारियों की तैनाती नहीं, बिगड़ रही व्यवस्था
नगरपालिका से जुड़े लोगों की मानें तो शहर में सफाई कर्मचारियों की भारी भरकम फौज होने के बाद भी गंदगी पसरे होने के पीछे मुख्य वजह कर्मचारियों की ठीक से तैनाती न होना है। स्थिति यह है कि शहर के कुछ वार्डों काफी बड़े हैं। लेकिन इनमें क्षेत्र के अनुपात में सफाई कर्मचारी कम है। नगरीय प्रशासन विभाग के मापदंडाें के अनुसार एक सफाई कर्मचारी से एक दिन में 700 मीटर सड़क की सफाई का काम लिया जाता है। लेकिन कई वार्डो में कर्मचारी 500 मीटर भी सफाई नहीं कर रहे हैं।

व्यवस्था में थाेड़ा बदलाव किया है

“दीपावली के त्याेहार पर लोग घरों की सफाई करते हैं और कचरा सड़क पर फेंक देते हैं, जिससे शहर में जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हुए नजर आए, फिर भी हमने आज से व्यवस्था थोड़ा बदलाव किया है। लहार रोड पर अभियान चलाकर सफाई कराई गई है। साथ ही जो कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। – वीरेंद्र तिवारी, सीएमओ, भिंड

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