फर्जी डॉक्टरों के भरोसे इलाज …!
रजिस्टर्ड क्लिनिक सिर्फ 18, हकीकत में 700 से ज्यादा, कराहल में पकड़े फर्जी डॉक्टर पर एफआईआर से हड़कंप …
जिले के हर गांव और कस्बों में दुकान-मकान पर आपको क्लिनिक का बोर्ड लगा दिख जाएगा। इन क्लीनिक पर ज्यादा फर्जी डॉक्टर इलाज कर रहे होते हैं। फर्जी से मतलब, इन डॉक्टरों पर मेडिकल की कोई भी मान्य डिग्री-डिप्लोमा नहीं होता न इनके क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग में रजिस्टर्ड होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों का इलाज ऐसे डॉक्टरांे के भरोसे ही चल रहा है। अब जब कराहल में ऐसे ही फर्जी डॉक्टर पर कार्रवाई कर एफआईआर कराई गई तो ऐसे अन्य फर्जी डॉक्टरांे में हड़कंप की स्थिति है।
सीएमएचओ डॉ. बीएल यादव का कहना है कि जिले में महज 18 रजिस्टर्ड क्लिनिक हैं। अवैध क्लिनिक की बात पर उनका दावा है कि जल्द इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और एफआईआर भी कराई जाएगी।
श्योपुर में 10 से ज्यादा फर्जी डॉक्टर, कर रहे इलाज
जिला मुख्यालय पर ही 10 फर्जी डॉक्टर हैं जिनके क्लीनिक पर रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित नहीं है। यह डॉक्टर धड़ल्ले से इलाज कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दावे तो कर रहे हैं लेकिन हकीकत में श्योपुर शहर में ही इन फर्जी डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
कार्रवाई… 2 नर्सिंग होम के लाइसेंस निरस्त, 4 के जवाब का इंतजार
जिलेभर में संचालित 9 अस्पताल में जिला कलेक्टर द्वारा गठित टीम को मापदंड अनुसार सुविधाएं नहीं मिली हैं। सीएमएचओ डॉ. बीएल यादव ने जांच टीम के प्रतिवेदन पर सभी को नोटिस जारी किए थे। सीएमएचओ कार्यालय के अनुसार पांच अस्पताल नोटिस का जवाब दे चुके है। इनमें से 2 अस्पतालों को पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। इनमें विजयपुर का वर्धमान अस्पताल और श्योपुर का आरएवी अस्पताल शामिल है। 3 के जवाब की जांच की जा रही है। बाकी 4 अस्पतालों ने जवाब ही नहीं भेजा है। 30 दिन की समयावधि पूरी होने में एक सप्ताह बाकी है। इसके बाद इनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
जिलेभर में 700 से अधिक क्लीनिक
जिले के लगभग हर गांव में क्लिनिक हैं, इनकी संख्या 700 करीब है। कराहल, बड़ौदा, प्रेमसर, पांडोला, aवीरपुर सहित कई ऐसे गांव हैं, जहां 10-10 डॉक्टर हैं, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।