उपलोकायुक्त बोले–चुनाव से ही पड़ जाते हैं करप्शन के बीज ..!
कहा-सियासी दलों के पास कमाई का साधन नहीं, चुनाव में खर्च ज्यादा ….
भ्रष्टाचार से लड़ने वाली राज्य की सबसे प्रमुख संस्था लोकायुक्त के दूसरे सबसे प्रमुख व्यक्ति उपलोकायुक्त जस्टिस एसके पालो ने चुनाव को ही भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार बता दिया। उपलोकायुक्त ने कहा कि कोई राजनीतिक दल जब चुनाव लड़ता है, तो उनको बहुत सारे पैसों की जरूरत होती है। लेकिन उनके पास कमाई का कोई साधन नहीं है। खर्च तो वे बहुत करते हैं। वहीं से करप्शन के बीज डल जाते हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि वे किसी पर्टिकुलर राजनीतिक दल के बारे में बात नहीं कर रहे हैं।
उपलोकायुक्त ने कहा कि सिस्टम से इस दिक्कत को कैसे हटाएंगे इस पर चुनाव आयोग को विचार करना है। जस्टिस पालो सीबीआई द्वारा सतर्कता सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम करप्शन फ्री इंडिया फॉर डेवल्प्ड नेशन के मुख्य अतिथि थे। इस कार्यक्रम में सीबीआई के जॉइंट डायरेक्टर रमनीश गिर, भोपाल ब्रांच के एचओडी डीआईजी प्रमोद कुमार मांझी, सीपीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर जेआर मीणा सहित तमाम केंद्रीय कार्यालयों के विभाग प्रमुख मौजूद थे।
जस्टिस पालो ने ये भी कहा कि करप्शन से सबसे ज्यादा पीड़ित आम आदमी है। करप्शन के चलते ही देश की अर्थव्यवस्था को भी बहुत नुकसान होता है। उदाहरण के लिए आप समझें कि बड़ी बड़ी कंपनियां जो यहां फैक्ट्री लगाती है, लेकिन कई कंपनियां आने से इसलिए इंकार कर देती है क्योंकि करप्शन है। करप्शन फ्री करने से देश की अर्थव्यवस्था को भी बहुत फायदा होगा।
‘उस दिन इंस्पेक्टर नहीं आते तो मैं और मेरा दोस्त जेल में होते’
एसके पालो ने एक वाकया याद करते हुए बताया- बात तब की है, जब सिविल जज रहते हुए मैं और मेरा एक डिप्टी कलेक्टर दोस्त यूपीएससी की परीक्षा देने नागपुर जा रहे थे। हम गोंदिया स्टेशन से सवार हुए थे। हमारे साथ दो और दोस्त थे, उन्होंने ही हमारी टिकट ली थी। उन्हें इतवारी स्टेशन पर उतरना था। वे इतवारी में उतर गए। मैंने उनसे अपने टिकट मांगकर जेब में रख लिए थे। हम थोड़ी देर बाद नागपुर स्टेशन पर उतरे। वहां टीसी ने हमारी टिकट चेक की। हमने टिकट निकालकर दिखा दिए। उन्होंने कहा कि साइड में खड़े हो जाओ। यात्रियों की भीड़ खत्म होने के बाद टीसी बोले कि ये टिकट सिर्फ इतवारी तक है। मैंने उनसे बहुत रिक्वेस्ट की, लेकिन वे मानने तैयार नहीं हुए। मेरे दोस्त ने कहा कि इन्हें थोड़े एक्सट्रा पैसे दे दो, मामला सुलट जाएगा। लेकिन मन गवारा नहीं हुआ। हम महत्वपूर्ण पदों पर हैं और इस तरह रिश्वत देना अच्छा नहीं लगेगा। मैंने उन्हें अपना परिचय बताया कि मैं सिविल जज हूं, लेकिन वे कहने लगे कि अच्छा अब तक तो बेटिकट ही थे, अब मजिस्ट्रेट भी बन गए। फिर मुझे याद आया कि नागपुर जीआरपी के कोई इंस्पेक्टर पाली मेरी कोर्ट में गवाही के सिलसिले में अक्सर आते रहते थे। मैंने वहां किसी कांस्टेबल से उन्हें खबर पहुंचाई। इंस्पेक्टर पाली आए, उन्होंने मुझे सेल्यूट किया, तब जाकर टीसी ने हमें छोड़ा। नहीं तो उस दिन तो हम पक्का जेल पहुंच गए होते।
भय, भूख और भाई-भतीजावाद करप्शन की 3 वजह
सीबीआई जेडी रमनीश गिर ने भय, भूख और भाई भतीजावाद को करप्शन के 3 प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि दफ्तर के अंदर भी किसी अपने को प्रमोट करने के लिए दूसरों का हक मारना करप्शन का ही तरीका है। यदि आपने अपने अफसर की बात नहीं मानी तो वह आपको धमकी देगा कि आपका ट्रांसफर कर देगा। इस भय से आप जो गलत काम करते हैं, वो भी भ्रष्टाचार के दायरे में आएगा। आपको ये तय करना पड़ेगा कि आप खुद कितने ईमानदार हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारी नए नए तरीके इजाद करते रहते हैं।
डीआईजी मांझी ने दिया करप्शन के तौर तरीकों पर प्रेजेंटेशन
डीआईजी मांझी ने यहां भ्रष्टाचार के नए नए तरीकों पर प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि धनबाद में पोस्टेड रहते हुए दो तालाब जो बने ही नहीं, सिर्फ कागजों पर ही उनके बिल पास हो गए। उन्होंने कार्टून के माध्यम से भ्रष्टाचार के नए नए तौर तरीकों को बताया। साथ ही ये भी बताया कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशल की रिपोर्ट ही हमारे पास देश में भ्रष्टाचार को मापने का एकमात्र तरीका है। अभी भारत का स्थान इसमें भूटान और अन्य देशों से काफी नीचे है। ऐसे में देश के भीतर से भ्रष्टाचार को कम करने के लिए हमें विजिलेंस बढ़ाना होगा। टोका टोकी शुरू करनी होगी। लोगों में एक भय पैदा करना होगा कि उनके अनुचित तौर तरीकों को कोई देख रहा है। उन्होंने कई प्रोडक्ट के विज्ञापनों के माध्यम से भी भ्रष्टाचार को रोकने की तरकीब बताई।
केंद्रीय कार्यालयों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए यहां कर सकते हैं शिकायत
सीबीआई दफ्तर – 0755 2430303, मोबाइल नंबर– 9425600070