ग्वालियर : मेंटेनेंस पर 9.45 करोड़ खर्च फिर भी टूट रहीं पानी की लाइनें …!

अमृत प्राेजेक्ट:मेंटेनेंस पर 9.45 करोड़ खर्च फिर भी टूट रहीं पानी की लाइनें, ठीक करने में भी देरी
  • जिम्मेदार कंपनी की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे लोग

अमृत प्रोजेक्ट शुरूआत से ही विवादों में रहा। पहले कंपनियां वक्त पर काम नहीं कर सकीं, फिर पूर्व पार्षदों ने पानी के पाइपों पर उंगलियां उठाइर्ं। अब पानी की लाइनों में लगातार लीकेज सामने आ रहे हैं। 60 वार्डों में जहां-जहां पानी की लाइनें डाली गई हैं, वहां पर औसतन 50 छोटे से बड़े लीकेज लाइन में सामने आ चुके हैं।

मेंटेनेंस का काम देखने वाली विष्णु प्रकाश पुंगलिया कंपनी लीकेज सुधार पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है। नगर निगम (पीएचई) के इंजीनियर एक महीने से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन सुधार नहीं हो रहा है। यह स्थिति तब है जब प्राेजेक्ट में मेंटेनेंस पर सालाना 9.45 कराेड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। बता दें कि पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से लेकर महापौर डाॅ.शोभा सिकरवार और पार्षदों ने लाइनाें की खस्ताहालत काे लेकर शिकायतें की हैं।

डेढ़ फीट के फासले पर दे दिए 4 कनेक्शन…

पानी की लाइन बिछाते समय मौके पर इंजीनियरों के नहीं रहने से मजदूरों ने वार्ड-50 में रथ खाना में छह इंच की लाइन में डेढ़ फीट की दूरी पर 4 पानी की कनेक्शन कर दिए हैं। अब आए दिन पानी का लीकेज होता रहता है। इधर विधायक प्रतिनिधि कृष्णा राव दीक्षित ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि अमृत योजना हो या अन्य विकास कार्य उनमें ठेकेदार अनुबंध का उल्लंघन कर रहे हैं इसको लेकर स्थानीय अधिकारी सिर्फ मौखिक चेतावनी दे रहे हैं।

कम गहरी लाइन डालीं इसलिए खुदाई में लीकेज
नगर निगम ने अमृत प्रोजेक्ट में पानी की लाइन कई जगह तय गहराई पर नहीं डालीं। यही कारण है कि सड़क निर्माण के दौरान गेंड़ेवाली सड़क, राजपाएगा सहित कई जगह पानी की लाइन में लीकेज हो रहा है।

बोरिंग डालने में लगा वक्त
शहर में कई स्थानों पर बोरिंग से भी पानी सप्लाई होता है। लेकिन नई कंपनी भी 24 घंटे में बोरिंग सुधार का काम नहीं कर पा रही है। दो-तीन दिन में पंप डालने के बाद जल्दी से फूंकने की शिकायतें भी अधिकारियों पर पहुंच रही है।

कंपनी पर करेंगे कार्रवाई

शहरवासियों को बिना किसी व्यवधान के पानी मिले। इस पर खास फोकस किया जा रहा है। यदि लाइनें सुधारने में कंपनी काम नहीं कर रही है, तो उस पर एक्शन लेंगे। नियमानुसार जुर्माने की कार्रवाई भी करेंगे।
-किशोर कन्याल, निगमायुक्त

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