देश में पांच साल में 3.5 लाख फर्जी आधार बने, मध्यप्रदेश में 10 हजार से ज्यादा

यूआईडीएआई से मिली जानकारी में खुलासा …

बैंकिंग खातों, एलपीजी और नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम समेत कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने में आधार कार्ड अहम होता है, लेकिन वह फर्जी (डुप्लीकेट और मल्टीपल) भी हो सकते हैं। देश में 2021 तक 128 करोड़ 99 लाख आधार कार्ड बन चुके हैं, जिसमें पिछले पांच साल में बने आधार कार्ड में से 355884 डुप्लीकेट और मल्टीपल निकले। इन्हें भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने निरस्त कर दिया है। निरस्त किए गए आधार कार्ड में 10 से 12 हजार मध्यप्रदेश के थे।

आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ ने मल्टीपल और डुप्लीकेट संबंधी जानकारी यूआईडीएआई से पूछी थी, जिसमें उन्हें बताया गया है कि देश में पिछले पांच साल में 355884 आधार कार्ड डुप्लीकेट और मल्टीपल मिले, जिन्हें निरस्त किया गया। हालांकि इस बारे में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव का कहना है कि आधार का काम का यूआईडीएआई देखता है, राज्य सरकार को तो सिर्फ इसमें टेक्निकल सपोर्ट रहता है। वहीं, यूआईडीएआई के भोपाल स्थित ऑफिस से इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।

कई योजनाओं में आधार कार्ड का अहम रोल

एलपीजी, मनरेगा और नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम समेत कई योजनाओं का लाभ लोगों तक डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए पहुंचाने में आधार ब्रिज का अहम रोल है। देशभर में जुलाई 2022 में 12511 करोड़ रु. का ट्रांजेक्शन आधार पेमेंट ब्रिज के माध्यम से किया गया। जुलाई में आधार के माध्यम से 22.84 करोड़ रु. और ई-केवाईसी ट्रांजेक्शन किए गए हैं। आधार इनेब्लड पेमेंट सिस्टम और माइक्रो एटीएम नेटवर्क के माध्यम से 1507 करोड़ रु. के बैंकिंग ट्रांजेक्शन हुए।

जुलाई अंत तक 63.55 करोड़ लोगों के आधार अपडेट हुए

इलेक्ट्राॅनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के अनुसार 2022 में जुलाई के महीने तक देश में 1.47 करोड़ लोगों ने अपना आधार कार्ड अपडेट करवाया है। इसके लिए लोगों ने आधार केंद्रों और ऑनलाइन आधार अपडेट पोर्टल की मदद ली। यानी जुलाई के अंत तक 63.55 करोड़ लोग अपने आधार कार्ड का डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक डिटेल अपडेट करा चुके हैं।

कई में फर्जी आईडी प्रूफ मिला; नाम, पते भी गलत

फेक आधार कार्ड में फर्जी आईडी प्रूफ पाया गया, जिसमें हर एक डिटेल्स जैसे नाम, पता, जन्म दिनांक, वर्चुअली आईडी सही नहीं था। फेक आधार कार्ड का नंबर ऑनलाइन यूआईडीएआई के साइट से वेरिफाई किया गया। इस प्रक्रिया में यूआईडी और यूआईडीएआई के डेटाबेस से मैच नहीं हुआ।

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