खनिज विभाग ने जारी की आरआरसी, अब राजस्व अफसर वसूलेंगें 60 करोड़
बिलौआ-रफादपुर की खदानों के मामले में खनिज विभाग की ओर से आरआसी यानि रेवेन्यू रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है। आरआरसी जारी होने के बाद खदान ठेकेदार व संचालकों की मुश्किल बढ़ गई हैं।
बिलौआ रफादपुर में खदानों पर साठ करोड़ से ज्यादा का जुर्माना करने का मामला
कांग्रेस नेता सहित ठेकेदारों ने लीज क्षेत्र से ज्यादा किया था खनन
ग्वालियर. बिलौआ-रफादपुर की खदानों के मामले में खनिज विभाग की ओर से आरआसी यानि रेवेन्यू रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है। आरआरसी जारी होने के बाद खदान ठेकेदार व संचालकों की मुश्किल बढ़ गई हैं। अब राजस्व अफसर वसूली का कार्य करेंगें जिसमें राजस्व न्यायालय में पेशी के बाद भी पैसा जमा नहीं किया गया तो कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने छह खदान संचालकों पर साठ करोड़ से ज्यादा का जुर्माना किया था। इन छह खदान संचालकों में कांग्रेस महासचिव सुनील शर्मा सहित ठेकेदार शामिल हैं जिनपर अगस्त 2022 में जुर्माना ठोका था। लीज क्षेत्र के अलावा सरकारी जमीन पर जमकर अवैध उत्खनन कर मोटी कमाई की गई।
यहां यह बता दें कि ….? ने ”पांच साल पांच पांच कलेक्टर,425 करोड़ नहीं वसूले क्योंकि मंत्री-नेताओं की हैं खदानें” शीर्षक से प्रमुखता से बिलौआ-रफादपुर की खदानों के मामले को उठाया था। इसमें बताया था कि पिछले पांच साल में पांच कलेक्टर बदल गए लेकिन लीज क्षेत्र के अलावा सरकारी जमीन पर काले पत्थर का खनन करने के बाद भी कलेक्टर कोर्ट कार्रवाई नहीं कर सका। 425 करोड़ रूपए के जुर्माने का प्रस्ताव तैयार कर कलेक्टर कोर्ट में भेजा गया था लेकिन जुर्माना के आदेश जारी नहीं किए जा रहे थे। इन खदानों में नेता-मंत्रियों की खदानें भी शामिल हैं। इस पूरे मामले के खुलासे के बाद तत्काल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कलेक्टर कोर्ट के जरिए 6 मामलों में जुर्माने के आदेश जारी कर दिए।
स्वीकृत लीज क्षेत्र से बाहर खनन कर पहुंचाई राजस्व हानि
जिले के डबरा अनुविभाग के अंतर्गत रफादपुर बिलौआ क्षेत्र में इन क्रेशर आधारित खदान संचालकों ने स्वीकृत लीज के बाहर सरकारी जमीन पर अवैध उत्खनन कराया था। यह जांच वर्ष 2017 में डबरा के तत्कालीन एसडीएम अमनवीर सिंह बैंस ने कराई थी। इस जांच रिपोर्ट में यह उल्लेख था कि खदान संचालकों ने स्वीकृत लीज से बाहर खनन कर सरकार को राजस्व की हानि पहुंचाई है। इस जांच के आधार पर खनिज विभाग ने कलेक्टर न्यायालय में मामले दायर किए थे। विधिवत सुनवाई की प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद कलेक्टर न्यायालय ने यह आदेश जारी किए। एसडीएम डबरा व संबंधित तहसीलदारों के प्रतिवेदन और विभिन्न गवाहों के बयानों के आधार पर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के न्यायालय ने इन क्रेशर आधारित उत्खनन पट्टेधारियों को दोषी पाया और जुर्माना अधिरोपित किया।
कथन
आरआरसी जारी कर राजस्व विभाग को दे दिया गया है। छह खदान संचालकों पर साठ करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगा है जिसकी वसूली होना है। इन लोगों ने अपनी ओर से राशि जमा नहीं की।
प्रदीप भूरिया, जिला खनिज अधिकारी