उज्बेकिस्तान में खांसी की सिरप से मौत का मामला, नोएडा में रोका गया दवा का प्रोडक्शन

मैरियन बायोटेक के पास निर्यात के मकसद से डॉक-1 मैक्स सिरप एवं गोलियां बनाने का उत्तर प्रदेश औषधि नियंत्रक का लाइसेंस है. मैरियन बायोटेक के कानूनी मामलों के प्रतिनिधि हसन हैरिस ने कहा कि दोनों देशों की सरकारें इस मामले की जांच कर रही हैं.

उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की कथित तौर पर खांसी की दवाई से मौत के नोएडा की कंपनी मैरियन बायोटेक एमेनॉक्स समूह सवालों के घेरे में आ गया था. इस बीच मामले से संबंधित जांच में जुटी उत्तर प्रदेश ड्रग कंट्रोल और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) नोएडा प्लांट में सिरप के उत्पादन को पूरी तरह से बंद करने के लिए कहा है. आधी रात को निरीक्षण पूरा हो गया और उत्तर प्रदेश राज्य ड्रग कंट्रोलर ने यूनिट में सभी दवाओं के उत्पादन को पूरी तरह से रोकने का आदेश दिया.

डॉक -1 मैक्स का निर्यात केवल उज्बेकिस्तान किया गया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा था कि दवा कंपनी के निरीक्षण के आधार पर आगे कदम उठाया जाएगा. उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि बच्चों की मौत डॉक-1 मैक्स दवा पीने से हुई. उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मैरियन बायोटेक कंपनी भारत में खांसी की दवा डॉक -1 मैक्स नहीं बेचती और इसका निर्यात केवल उज्बेकिस्तान को किया गया है.

मांडविया ने बताया कि नोएडा स्थित निर्माण परिसर से खांसी की दवा के नमूने लिए गए हैं और चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय औषधि जांच प्रयोगशाला (आरडीटीएल) को जांच के लिए भेजे गए हैं. सीडीएससीओ 27 दिसंबर से मामले के संबंध में उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय औषधि नियामक के नियमित संपर्क में है. मैरियन बायोटेक के पास निर्यात के मकसद से डॉक-1 मैक्स सिरप एवं गोलियां बनाने का उत्तर प्रदेश औषधि नियंत्रक का लाइसेंस है. मैरियन बायोटेक के कानूनी मामलों के प्रतिनिधि हसन हैरिस ने कहा कि दोनों देशों की सरकारें इस मामले की जांच कर रही हैं.

उज्बेकिस्तान ने कहा, सिरप में केमिकल एथिलीन ग्लाइकोल मिला

हैरिस ने कहा कि हमारी ओर से कोई समस्या नहीं है और जांच में कोई गड़बड़ नहीं है. हम पिछले 10 वर्ष से काम कर रहे हैं. सरकार की रिपोर्ट आने के बाद हम इस पर गौर करेंगे. फिलहाल (दवा का) निर्माण बंद कर दिया गया है. उज्बेकिस्तान के इन आरोपों से पहले, गाम्बिया में इस साल की शुरुआत में 70 बच्चों की मौत को हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित खांसी सिरप से जोड़ा गया था. भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से कहा था कि उसने गाम्बिया में बच्चों की मौत के मामले को भारत में निर्मित खांसी के चार सिरप से अपरिपक्व रूप से जोड़ दिया.

सूत्रों ने कहा कि भारत के औषधि महानियंत्रक ने उज्बेक नियामक से घटना के संबंध में और जानकारी मांगी है. उज्बेकिस्तान के मंत्रालय के मुताबिक, प्रयोगशाला में जांच के दौरान सिरप के एक बैच में रासायनिक एथिलीन ग्लाइकोल पाया गया.

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