गोहद : सफाई व्यवस्था बदहाल …!
नपा के बेड़े में 125 सफाईकर्मी फिर भी जगह-जगह गंदगी के ढेर, कचरा भी नियमित नहीं उठाया जा रहा
गोहद नगर के विभिन्न वार्डों और चौक- चौराहों पर कचरे के ढेर बढ़ने लगे हैं। नपा की गाड़ियां भी कॉलोनियों व बाजारों में भी डाेर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए नियमित नहीं पहुंच रही हैं। इससे नगर वासियों में आक्रोश पनप रहा है। इसका कारण नगरवासी कई बार पार्षदगण और निकाय के अधिकारी- कर्मचारियों से व्यवस्था में सुधार कराने की मांग कर चुके हैं। लेकिन किसी के भी द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
यहां बता दें नगर को साफ स्वच्छ बनाए रखने के लिए नगर पालिका के पास 125 सफाई कर्मचारी होने के साथ डोर डू डोर कचरा लेने के साथ उक्त कचरे को ट्रेचिंग ग्राउंड पर ले जाने के लिए 10 लोडिंग वाहन और 2 ट्रैक्टर हैं। इसके बावजूद नगर की सफाई व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है। उसके बाद भी नगर की व्यवस्था व्यवस्था बदहाल है। शिकायत करने के बाद भी निराकरण नहीं हो रहा है। गंदगी सड़क पर पड़ी रहने से उड़कर घरों तक पहुंच रही है। इससे बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है।
उठाव न होने से नालियों में भर रहा कचरा
गली- मोहल्लों से नियमित कचरे का उठाव न होने की वजह से यह पुन: नालियों में भर रहा है। इस वजह नालियां चोक हो रही हैं। वहीं बारिश होते ही जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। सतेंदर गुर्जर, सतीश अग्रवाल, बंटी व्यास, गिरीश चाैधरी, विनय सोनी, सचेंद्र अग्रवाल का कहना है कि सफाई कर्मचारियों से कहने पर भी कचरे का उठाव नहीं किया जा रहा है।
कर्मचारी नियुक्त होने के बाद भी नहीं आते
नगर के वार्ड क्रमांक 6, मस्जिद के पीछे, 7 में जैन मंदिर के पास, 11 में ताल वाली गली, लक्ष्मण मंदिर के सामने व चौराहा के वार्ड 16, 17 और 18 में साफ-सफाई के लिए कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। लेकिन इन वार्डों में नियुक्त किए गए सफाई कर्मचारी कभी भी झाड़ू लगाने और कचरे का उठाव करने के लिए नहीं आते हैं। जिसके चलते गंदगी पसरी रहती है।
4 किमी दूर है ट्रेचिंग ग्राउंड, वहां नही ले जाकर यहां-वहां फेंक रहे कचरा,
कचरा के लिए ट्रेचिंग ग्राउंड 4 किलोमीटर दूर माता का पुरा पर बनाया गया है लेकिन कचरा वहां न ले जाते हैं नगर में खाली पड़ी जगहों पर भी फेंका जा रहा है। इससे आवारा जानवरों का जमावड़ा भी इन जगहों पर लगा रहता है। इसको लेकर नागरिक कई बार ध्यानाकर्षित करा चुके हैं लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। इससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है।