भोपाल : प्रदेश के उपभोक्ता आयोगों में 5 साल में रेलवे के खिलाफ 3,871 केस, फैसला सिर्फ 825 में; सबसे ज्यादा मामले सामान चोरी के

मामलों की सुनवाई:प्रदेश के उपभोक्ता आयोगों में 5 साल में रेलवे के खिलाफ 3,871 केस, फैसला सिर्फ 825 में; सबसे ज्यादा मामले सामान चोरी के

खराब खाने और टिकट रिफंड के मामले भी शामिल

  • वर्ष 2021-22 में भोपाल जिला उपभोक्ता आयोग ने रेलवे के 22 मामलों में की सुनवाई
  • खराब खाने और टिकट रिफंड के मामले भी शामिल

कई मामलों में जिला उपभोक्ता आयोग ने रेलवे के खिलाफ फैसला सुनाया है। जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनवाई करते हुए माना कि टिकट लेने के बाद भी उपभाेक्ताओं को वैसी सेवाएं नहीं मिली, जिसके वे हकदार थे। आयोग ने ऐसे ही एक मामले में रेलवे काे सेवा की कमी का दाेषी पाते हुए 72 हजार रुपए हर्जाना देने के आदेश दिए है। मामलों की सुनवाई अध्यक्ष योगेशदत्त शुक्ल, सदस्य सुनील श्रीवास्तव और प्रतिभा पांडेय ने की।

वहीं भाेपाल सहित प्रदेश के सभी 51 जिला आयोग में 5 साल में 3871 प्रकरण रेलवे के खिलाफ दर्ज हुए। इसमें से 825 प्रकरणाें में जिला उपभोक्ता आयोग ने रेलवे काे अनुचित व्यापार और सेवा में कमी का दाेषी माना। जिला आयोगों में सबसे ज्यादा मामले माेबाइल और सामान चाेरी के हैं। इसके बाद खराब खाना, टिकट रिफंड के मामले शामिल हैं। 2021 -22 में भोपाल जिला उपभोक्ता आयोग की दोनों बेंच ने रेलवे के 22 मामलों की सुनवाई करते हुए उपभोक्ताओं को हर्जाना दिलाया है।

पर्स खींचकर भागा, रेलवे को देना पड़ा 72 हजार हर्जाना

हर्षवर्धन नगर निवासी आरती तिवारी ने 4 जून 2016 को रेलवे के खिलाफ परिवाद दायर किया। उन्होंने शिकायत में रेवांचल एक्सप्रेस से 13 जून 2014 को पति और बच्चे के साथ यात्रा कर रही थी। वे एस-2 कोच में थीं। ट्रेन गंजबसोदा पहुंची उस समय ट्रेन धीमी थी, एक दुबला पतला लड़का उनका पर्स खींच कर भाग गया। उन्होंने ट्रेन की चेन भी खींची लेकिन तब तक वह युवक गायब हाे चुका था। उनके पर्स में 72,450 रुपए का सोने का सामान, मोबाइल अैर नगद रुपए थे। आयोग ने मामले में दस्तावेज, एफआईआर और साक्ष्यों पर पाया कि रेलवे स्टाफ आरक्षित कोच में अनाधिकृत व्यक्ति के प्रवेश को नहीं रोक पाया। कोई व्यक्ति अनधिकृत रूप से कोच में घुसकर अपनी सीट पर बैठी महिला के हाथ से पर्स खींच कर भाग जाए। इसके लिए रेलवे स्टाफ की लापरवाही उजागर होती है। आयोग ने मामले में उपभोक्ता को 72,450 रुपए सामान की मूल राशि, 10 हजार रुपए हर्जाना और तीन हजार रुपए परिवाद व्यय देने के आदेश दिए।

यह भी खास

जिला उपभोक्ता आयोग की सबसे ज्यादा शिकायतें रेलवे की मिली हैं, जिसमें मुख्य रूप से मोबाइल व ई -गैजेट चोरी होने,ट्रेन में खराब भोजन देने, भोजन में कीड़ा निकलने सहित सुरक्षा प्रदान नहीं करने की है।

5 साल में आयोग में अलग-अलग कैटेगरी की शिकायतें

  • रेलवे 3,871
  • मेडिकल 7,118
  • टेलीफाेन 8,693
  • हाउसिंग 15,074
  • बैंकिंग 23,358
  • इंश्योरेंस 24,385
  • अन्य 1,23,687

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