ग्वालियर : स्वच्छता के लिए 193 करोड़ खर्च करने पर भी इस सर्वेक्षण में नहीं मिलेगा लाभ
ग्वालियर । स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में रैंकिंग सुधारने के लिए नगर निगम का पूरा ध्यान संसाधन बढ़ाने पर है। नए वाहन खरीदने के साथ ही अधोसंरचना मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। लैंडफिल साइट पर पड़े कचरे के निपटान की तैयारी की जा रही है। यहां 250 टन प्रतिदिन क्षमता का नया कंपोस्टिंग प्लांट लगाने की भी योजना है। इसके अलावा 50 टन प्रतिदिन क्षमता का सीएंडडी वेस्ट प्लांट लगाने के साथ ही 30 नए शौचालयों का निर्माण भी कराया जाएगा, लेकिन लगभग 193 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी निगम को इस सर्वेक्षण में कोई लाभ नहीं मिल पाएगा। ये काम जब तक पूरे होंगे, तब तक आखिरी तिमाही का सर्वेक्षण खत्म हो जाएगा। ऐसे में निगम की रैंकिंग में सुधार होने की संभावना बहुत ही कम है। नगर निगम को पिछले सर्वेक्षण में तीन पायदान का नुकसान हुआ था। देशभर में 15वीं रैंकिंग से खिसककर निगम को 18वां स्थान प्राप्त हुआ था। पिछले सर्वेक्षण में नगर निगम के पास अधोसंरचना व संसाधनों की कमियां थीं।
ये कार्य हैं प्रस्तावित
1-लैंडफिल साइट पर कचरे का निपटान : इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार से मिले 66 प्रतिशत अनुदान व निगम का हिस्सा मिलाकर 33.16 करोड़ रुपये की लागत से साढ़े छह लाख मीट्रिक टन कचरे का निपटान किया जाना है। इसके टेंडर 31 जनवरी को खोले जाएंगे। फर्म को चार माह में ये काम करना होगा, जो संभव नहीं है। ऐसे में कचरे का निपटान होने में छह माह लगेंगे। तब तक सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
2- सीएंडडी वेस्ट प्लांट : 1.99 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट के निपटान के लिए 50 टन प्रतिदिन क्षमता वाला प्लांट लगाया जाना है। ये प्लांट जलालपुर में लगाया जाना प्रस्तावित है और निगम अधिकारियों के अनुसार फरवरी माह में इसे स्थापित कर दिया जाएगा। यह कार्य सर्वेक्षण से पहले पूरा हो जाएगा और इसका लाभ भी मिलेगा।
3- सीएनजी प्लांट-लाल टिपारा स्थित गोशाला के पास इंडियन आयल कार्पोरेशन के सीएसआर मद से 32 करोड़ रुपये की लागत से सीएनजी प्लांट स्थापित किया जाना है। इससे 100 टन सीएनजी प्रतिदिन तैयार की जाएगी, लेकिन अभी कार्पोरेशन द्वारा टेंडर प्रक्रिया की जा रही है। कंपनी को आठ माह में काम पूरा करना होगा। यह कार्य भी सर्वेक्षण के बाद ही हो पाएगा।
4- तीन कचरा ट्रांसफर स्टेशन : स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के माध्यम से लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से तीन कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। वर्तमान में सिविल वर्क खत्म होने को है और मुंबई से मशीनें भी अगले सप्ताह तक ग्वालियर आ जाएंगी। ये स्टेशन मार्च माह तक चालू होंगे और सात अन्य कचरा स्टेशनों का बोझ कम कर सकेंगे।
5- 57.58 करोड़ के एसक्रो अकाउंट से कार्य-100 टन प्रतिदिन क्षमता वाले तीन विकेंद्रीकृत आटोमेटिक मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी प्लांट नौ करोड़ रुपये से बनाने का प्रस्ताव है। 300 टन प्रतिदिन क्षमता का केंद्रीकृत आटोमेटेड मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी प्लांट छह करोड़ रुपये, 10 करोड़ रुपये से पांच सीएनजी बिन प्लांट, सात करोड़ रुपये से साइंटिफिक लैंडफिल सेल, 13.50 करोड़ रुपये से तीन अल्ट्रा माडर्न कचरा ट्रांसफर स्टेशन और 12 करोड़ रुपये से लैंडफिल साइट पर दो मेगावांट सौर ऊर्जा का प्रोसेसिंग प्लांट लगाने का प्रस्ताव है। अभी शासन स्तर पर यह पैसा देने का निर्णय नहीं हुआ है।
6- 50 करोड़ से वाहन खरीदी और अधोसंरचना सुधार : स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के माध्यम से 50 करोड़ रुपये की लागत से 100 वाहनों की खरीद के साथ ही लैंडफिल साइट पर 250 टन प्रतिदिन क्षमता की वेस्ट टू कंपोस्ट यूनिट के साथ ही पांच ट्रांसफर स्टेशनों को अपग्रेड करने सहित अधोसंरचना के कार्य किए जाने हैं। ये कार्य टेंडर प्रक्रिया में हैं और सर्वेक्षण से पहले पूरे किए जा सकते हैं। इसका लाभ निगम को मिल सकेगा।
7- 5.75 करोड़ से शौचालय निर्माण : केंद्र व राज्य सरकार को 23 शौचालयों के निर्माण की सूची भेजी गई है। प्रत्येक शौचालय के लिए 25 लाख रुपये की राशि निर्धारित की गई है। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार 50 प्रतिशत अनुदान देंगे, जबकि शेष राशि निगम खर्च करेगा। फिलहाल यह प्रक्रिया भी कागजों में है। सिर्फ एनएचएआइ ने सीएसआर मद से तीन शौचालयों के निर्माण की सहमति दी है।