फूड पैकेट के लेबल में छुपी होती है कई जानकारी, सामान ख़रीदने से पहले इसे समझना समझदारी है

फूड लेबल सब बताता है …

  • खाने के पैकेट पर सामग्री सूची में कुछ सामग्रियां ऐसी भी होती हैं जिनका न तो हम अर्थ जानते हैं और न ही इस्तेमाल। ऐसे में सामान ख़रीदने से पहले इसे समझना समझदारी है।

जब हम कोई पैकेट का सामान ख़रीदते हैं तो सबसे पहले उसका लेबल पढ़ते हैं। उसमें किन सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया है और सेहत के लिहाज़ से कितना सही है, ये सब देख-परखकर ही अक्सर ख़रीदते हैं। लेकिन पैकेट के लेबल पर जो लिखा होता है ज़रूरी नहीं कि वह स्पष्ट हो। कई बार सामग्री छुपी हुई होती है या दावे जैसे- हार्ट हेल्दी, नैचुरल या लो फैट आदि हमेशा सही नहीं होते। अगर आप लेबल पढ़कर ही सामान ख़रीदते हैं तो उससे जुड़ी ज़रूरी जानकारी भी रखें।

सामग्री के क्रम पर दें ध्यान

एफएसएसएआई की गाइडलाइन के अनुसार सामग्री वज़न के अनुसार सूचीबद्ध होती है। जिस सामग्री का वज़न यानी जिसकी मात्रा सबसे अधिक है उसे इन्ग्रेडिएंट्स लिस्ट में सबसे पहले रखा जाता है। मिसाल के तौर पर गेहूं के आटे के बिस्किट। अगर इसमें सबसे ज़्यादा इस्तेमाल गेहूं के आटे का हुआ है तो ये सूची में सबसे पहले रखा जाएगा। इसके बाद सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली सामग्री शक्कर या दूध दूसरे स्थान पर होगी। वहीं सबसे कम इस्तेमाल होने वाली सामग्री को आख़िरी में रखा जाएगा। इससे आप यह पता लगा सकते हैं कि आप जिस सामग्री की वजह से वस्तु ख़रीद रहे हैं उसका कितनी मात्रा में उपयोग हुआ है।

पोषण जो दिख रहा है

कई पैकेट्स पर लिखा होता है वीट फ्लॉर, ब्राउन राइस सिरप और पाल्म ऑयल जो काफ़ी पौष्टिक लगते हैं। पर वीट फ्लॉर का मतलब मैदे से भी हो सकता है। इसके बजाय होल वीट फ्लॉर लिखा है तो इसमें गेहूं का इस्तेमाल किया गया है। इसी तरह पाम ऑयल बनता पौधे से है लेकिन यह सैचुरेटेड फैट होता है जो अच्छा फैट नहीं है। कई बार पैकेट पर ज़ीरो ट्रांसफैट, लो सोडियम और हाई फाइबर लिखा होता है, जो वाक़ई हो ऐसा ज़रूरी नहीं। बेहतर होगा कि सामग्री सूची में पोषण देखकर ही सामान लें।

शब्दों में न फंसें…

सूची में सामग्री अलग नाम से भी हो सकती है। शक्कर के स्थान पर हाई फ्रुक्टोज़ कॉर्न सिरप, शहद, ब्राउन राइस सिरप जैसे शब्द हो सकते हैं। कुछ शब्दों के अंत में ‘ose’ का इस्तेमाल होता है, जैसे कि ग्लूकोज़, मल्टोज़ आदि। नमक के लिए बेकिंग सोडा, मोनोसोडियम, ब्राइन और सोडियम बेंजोएट। फैट के लिए लार्ड, पार्शियली हाइड्रोजिनेटेड, हाइड्रोजिनेटेड ऑयल, टैलो और शॉर्टनिंग होगा। खाने के रंग के लिए अलग-अलग कोड होते हैं, जैसे E150 भूरे रंग के लिए। हालांकि कुछ सामग्रियां जैसे स्टीवियोल ग्लाइकोसाइड, स्वास्थ्यवर्धक हो सकती हैं।

कम शब्दों के इन्ग्रेडिएंट्स

जिन खाद्यों में रासायनिक वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं होता उनकी इन्ग्रेडिएंट्स लिस्ट छोटी होती है। इन्हें समझना और सही सामान का चुनाव करना भी आसान होता है।

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