भोपाल . मप्र कर्मचारी चयन मंडल की ओर से आयोजित की जा रही शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन करने में अभ्यर्थियों से स्कूल शिक्षा विभाग 50 से 100 रुपये अतिरिक्त शुल्क वसूल रहा है। इससे स्कूल शिक्षा विभाग को करोड़ों रुपये की आमदनी हो रही है।विभाग इसे प्रशिक्षण के नाम पर वसूल रहा है, लेकिन जिन अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण लेने का मौका ही नहीं मिलेगा, उनपर अार्थिक बोझ बढ़ रहा है।मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि कांग्रेस के शासनकाल में 2020 में प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की नियमावली में अतिरिक्त शुल्क को शामिल किया गया है। यह गलत है। बेरोजगारों को नौकरी मिली नहीं और प्रशिक्षण देने के नाम पर करोड़ों रुपये कैसे लिया जा सकता है। इस नियम को बदलने का प्रयास किया जाएगा। इस मामले को मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे।

वर्ग-1 से आवेदन से डेढ़ करोड़ की आमदनी

वर्ग-1 पात्रता परीक्षा के लिए एक लाख 74 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इसमें सामान्य वर्ग के करीब एक लाख 24 हजार से 100 रुपये लिए गए, यानी एक करोड़ 24 लाख लिया गया। इसी तरह 50 हजार अभ्यर्थियों से 50 रुपया लिया गया तो 25 लाख रुपये अतिरिक्त शुल्क लिए गए। इस तरह सामान्य वर्ग को 660 रुपये और आरक्षित वर्ग से 360 रुपये आवेदन के लिए देना पड़ा।

प्राथमिक शिक्षक में भी लिए गए अतिरिक्त शुल्क

इससे पहले प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2020 में भी अभ्यर्थियों से अतिरिक्त शुल्क लिए गए थे।उसमें करीब आठ लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसमें करीब पांच लाख सामान्य और तीन लाख आरक्षित वर्ग ने आवेदन किया था।इस तरह सामान्य से पांच करोड़ रुपये और तीन लाख आरक्षित वर्ग से करीब ड़ेढ़ करोड़ रुपये वसूले गए।ऐसे में विभाग के पास करीब साढ़े छह करोड़ रुपये की आमदनी हुई।