पेयजल परियोजना अधूरी, सीवर पर भी असमंजस
सीएम का दौरा पांच को …
अधिकारी पशोपेश में आखिर कौन से प्रोजेक्ट का करवाएं लोकार्पण …
भिण्ड. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पांच फरवरी को प्रस्तावित दौरे को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज हैं, एसएएफ परिसर में हेलीपेड तैयार किया जा चुका है। अधिकारी इस पशोपेश में हैं कि आखिर किन योजनाओं का लोकर्पण मुख्यमंत्री से कराया जाए। हालांकि शहर में न तो पेजयल व सीवर प्रोजेक्ट ही पूर्ण हो पाया है और न ही अभी गौरी सरोवर पर ढाई करोड़ की लागत से बन रहा पुल।
हितलाभ वितरण कार्यक्रम की तैयारी
नगरपालिका ने हितलाभ वितरण कार्यक्रम की मुनादी तो शुरू करवा दी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी में संगठन स्तर पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर सक्रियता नहीं दिखी है। भाजपा जिलाध्यक्ष का दावा है कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होगा और मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम शुक्रवार को कलेक्टर के साथ बैठक करने के बाद जारी किया जाएगा। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री गौरी सरोवर पर करीब 2.50 करोड़ रुपए की लागत से बने पुल का उद्घाटन कराया जा सकता है। लेकिन विधायक संजीव सिंह कुशवाह का कहना है कि पुल के लोकर्पण का फिलहाल कार्यक्रम नहीं है। पुल पर बीटीआई रोड साइड में अच्छा संपर्क मार्ग भी नहीं है और गौरी साइड में भी कनेक्टिविटी की ठोस व्यवस्था नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री से रतनूपुरा में निर्मित पिछड़ा वर्ग बालिका छात्रावास का लोकार्पण कराया जा सकता है। इसके अलावा तो हितलाभ वितरण का कार्यक्रम ही आयोजित किया जाएगा। नगरपालिका ने भी केवल हितलाभ वितरण कार्यक्रम की मुनादी शुरू करवाई है।
सीवर परियोजना भी काम अधूरा 368 करोड़ के सीवर प्रोजेक्ट में पहले चरण का करीब 85 करोड़ का था। इसमें 13 हजार 500 से ज्यादा घरों में कनेक्शन देने थे, लेकिन यह काम पूरा नहीं हो पाया है। इसलिए मुख्यमंत्री के आगमन पर यह दोनों ही प्रोजेक्ट लोकार्पित नहीं हो सकते।
पांच साल बाद भी परियोजनाएं अधूरी
शहर में पेयजल प्रोजेक्ट पर वर्ष 2018 में कार्य प्रारंभ हुआ था और दिसंबर 2020 तक पूरा होना था, लेकिन काम में सुस्ती और बाद में कोरोना की वजह से पिछड़ा काम अभी मार्च फिलहाल पूरा होता नहीं दिख रहा है। यह कार्य बरसात के पहले तक पूरा होना मुश्किल दिख रहा है। लागत और रख-रखाव कार्य सहित पहले चरण का कार्य करीब 197 करोड़ रुपए का है। वितरण पाइप लाइन गली-मोहल्लों में कई जगह बिछाई जा चुकी हैं। घरों तक कनेक्शन भी दे दिए हैं, लेकिन डेढ़ साल से अधिक का समय होने के बावजूद पेयजल आपूर्ति प्रारंभ नहीं हो पाई है।