कुपोषण का प्रकोप …? 3 महीने में मिले 80 हजार कुपोषित …

कुपोषण का प्रकोप:3 महीने में मिले 80 हजार कुपोषित, 1 फरवरी को आदेश आया- इन्हें 31 मार्च तक पोषित करो
  • तस्वीर अशोक नगर के जिला अस्पताल के कुपोषित वार्ड की है। यहां वार्ड में 17 पलंग हैं, लेकिन सिर्फ 7 ही बच्चे भर्ती हैं। वार्ड प्रभारी का कहना है कि पालक बच्चों को 14 दिन वार्ड में नहीं रखते, वे पांच-छह दिन में ही यहां से जाने लगते हैं। फोटो में दिख रही बच्ची दो साल की रागिनी है, जिसका वजन 5.98 किलोग्राम है। - Dainik Bhaskar
तस्वीर अशोक नगर के जिला अस्पताल के कुपोषित वार्ड की है। यहां वार्ड में 17 पलंग हैं, लेकिन सिर्फ 7 ही बच्चे भर्ती हैं। वार्ड प्रभारी का कहना है कि पालक बच्चों को 14 दिन वार्ड में नहीं रखते, वे पांच-छह दिन में ही यहां से जाने लगते हैं। फोटो में दिख रही बच्ची दो साल की रागिनी है, जिसका वजन 5.98 किलोग्राम है।

कुपोषण मिटाने के लिए मध्यप्रदेश का सरकारी सिस्टम कितनी जल्दबाजी में है, इसका अंदाजा सरकार के एक आदेश से लगा सकते हैं। दरअसल, महिला एवं बाल विकास विभाग ने रुटीन प्रक्रिया के तहत प्रदेशभर में रजिस्टर्ड 6 साल तक के बच्चों का वजन कराया। बीते अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में चली इस प्रक्रिया में 80 हजार 347 अति गंभीर और मध्यम गंभीर कुपोषित बच्चे सामने आए।

धार में सबसे ज्यादा 3901 गंभीर तो 7434 कम गंभीर कुपोषित बच्चे मिले। विभाग ने इनकी लिस्ट बनाई। बड़ी बात ये कि तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अशोक शाह 31 जनवरी 2023 को रिटायर हो रहे थे, तो उन्होंने उसी दिन लिस्ट पर साइन कर दिए। फिर 1 फरवरी को सभी कलेक्टरों को आदेश दिया गया कि 31 मार्च तक इन सभी गंभीर कुपोषितों को पोषित बनाया जाए। यह आदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, संभागीय संयुक्त संचालक, जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी दिया गया। दरअसल, इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ एक्यूट मालन्यूट्रिशन के अंतर्गत ही अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में शारीरिक माप कर अति गंभीर व मध्यम गंभीर बच्चों को चिन्हित कर पंजीयन किया गया है।

  • रिटायरमेंट के दिन सूची पर साइन किए और आदेश भेज दिए
  • बच्चों को 14 दिन भी अस्पताल में नहीं रख रहे

अब फिर होगी स्वस्थ बालक स्पर्धा

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के हड़ताल पर जाने के कारण स्वस्थ बालक स्पर्धा नहीं हुई। इसी के जरिए 6 साल तक के बच्चों का वजन लिया जाता है कि वे स्वस्थ हैं या नहीं। इससे पता चलता है कि कौन गंभीर कुपोषित है, कौन कम। पहले यह स्पर्धा 11 से 20 जनवरी के बीच होनी थी। अब यह प्रतियोगिता 15 फरवरी को होगी। इसके पहले वजन लेने का काम होगा।

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