कोविड के बाद तेजी से खुले अस्पताल और आयुष्मान में कराया पंजीयन
चारों महानगरों में कोविड के बाद निजी अस्पताल खोले गए। इन अस्पतालों ने आयुष्मान योजना में उपचार देने की पात्रता भी लेली।
ग्वालियर। प्रदेश के चारों महानगरों में कोविड के बाद तेजी से निजी अस्पताल खोले गए। इन अस्पतालों ने आयुष्मान योजना में उपचार देने की पात्रता भी ले ली। इसके बाद अंधाधुंध् तरीके से बिला बनाकर सरकार से भुगतान कराया गया। जांच में यह पाया कि मरीजों को आयुष्मान के बिना अवश्यकता के आइसीयू में भर्ती रखा,अधिक समय तक अस्पताल में रखा, जिन जांच की आवश्यकता नहीं थी वह भी कराई और अधिक राशि का बिल बनाया। कोविड के बाद अकेले ग्वालियर में एक सैंकड़ा से अधिक अस्पताल खुले जिस कारण निजी अस्पतालों की संख्या 400 से ऊपर पहुंच गई।आयुष्मान योजना के नाम पर अस्पतालों में चल रही धांधली अब बंद होगी। क्योंकि अब वही अस्पताल आयुष्मान के तहत मरीज का उपचार दे सकेंगे जिनके अस्पताल में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। शासन ने हाल ही में आदेश जारी किया है कि जनरल मेडिसिन के मरीजों को महानगर में 50 बेड से अधिक या राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) की पात्रता रखने वाले अस्पताल की योजना के तहत उपचार दे सकेंगे। क्योंकि सरकार उन्हीं अस्पतालों को जनरल मेडिसिन में उपचार देने पर दवाओं का भुगतान करेगी। यदि इसके अलावा अन्य कोई अस्पताल जनरल मेडिसिन के मरीज को आयुष्मान योजना के तहत उपचार देता है और वह इन दो कैटेगिरी में पात्र नहीं है तो उसे दवाओं का भुगतान नहीं मिलेगा। सरकार की मंशा है कि इससे मरीज के साथ होने वाली ठगी,परेशानी और अनर्गल बिल बनाकर भुगतान लेने संबंधी परेशानियां समाप्त होगी। शासन ने आदेश में लिखा कि ग्वालियर,जबलपुर, इंदौर व भोपाल में संचालित अस्पतालों में से जो अस्पताल 50 बेड से अधिक या फिर एनएबीएच की पात्रता रखेंगे उन अस्पतालों को जनरल मेडिसिन के मरीजों को उपचार देने की पात्रता होगी और उन्हें ही दवा का भुगतान सरकार करेगी। 50 बेड से कम वाले अस्पताल जनरल मेडिसिन के अलावा अन्य विधाओं में आयुष्मान योजना में पात्र रहेंगे। जो अस्पताल जनरल मेडिसिन में पात्र रहना चाहते हैं वह 31 मार्च 2023 तक अपने अस्पताल में बेड संख्या बढ़वाएं और बेहतर व्यवस्थाएं बनाए तभी वह पात्रता की श्रेणी में आएंगे।