सिर्फ जमीन-बंगले बता पल्ला झाड़ रहे अफसर

सिर्फ जमीन-बंगले बता पल्ला झाड़ रहे अफसर, नहीं बता रहे पूरी संपत्ति

संपत्ति बताने में पर्देदारी, झारखंड सहित कुछ राज्यों में जेवर-गिफ्ट की डिटेल भी दे देते हैं आइएएस, मध्यप्रदेश में कीमत तक नहीं बताते

संपत्ति बताने में पर्देदारी

भोपाल. मध्यप्रदेश में संपत्ति बताने में पर्देदारी की जा रही है। प्रदेश के आइएएस अफसर अपनी पूरी संपत्ति नहीं बता रहे हैं। हाल ये है कि अफसर सिर्फ जमीन-बंगले बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। यहां के अधिकारी संपत्ति की जानकारी देने में काफी हिचकिचाते हैं, जबकि बाकी राज्यों में ऐसा नहीं है। झारखंड सहित कई राज्यों में आइएएस अफसर जेवर, गिफ्ट सहित अन्य सामानों तक की जानकारी दे देते हैं जबकि मध्यप्रदेश में आइएएस, आइपीएस और आइएफएस सिर्फ जमीन और मकान की जानकारी ही देते हैं। यही कारण है कि 2023 की प्रॉपटी डिटेल में अफसरों का जमीन से मोह साफ दिखता है। अधिकतर के पास कृषि भूमि हैं। भले ही कुछ के पास रहने के लिए घर तक नहीं है, लेकिन लाखों-करोडों की जमीन जरूर है।

झारखंड में हीरोें के हार, जेवर, फोन, लैपटॉप तक की जानकारी दी
झारखंड के अफसरों ने प्रॉपटी डिटेल में हीरोें के हार, जेवर, फोन, लैपटॉप तक की जानकारी दी है। आइएएस डीसी राय महिमापत रे ने गिफ्ट में मिले सोने के सिक्के का भी जिक्र किया। इसके अलावा अफसरों ने बेड, ओटीजी, टैबलेट आदि की जानकारी दी है। उत्तराखंड में कुछ अफसरों ने पत्नी के जेवरात की जानकारी भी दी है।

इधर मध्यप्रदेश में ऐसे हाल हैं कि अधिकतर अफसर संपत्ति की कीमत भी स्पष्ट नहीं बताते हैं। कइयों ने खरीदी के समय की कीमत ही बता दी है। 335 में 64 अफसर ने ही प्रॉपटी का बाजार मूल्य बताया है।

जमीन से मोह, अधिकांश की ज्यादा संपत्ति प्रदेश से बाहर

आइएएस अफसरों में अधिकतर ऐसे हैं, जिन्होंने प्रॉपर्टी में जमीन बताई है। फ्लैट या मकान बहुत कम के पास हैं। इसकी वजह पूरी नौकरी में सरकारी मकान की सुविधा है। इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी सहित कई अफसर ऐसे हैं, जिनके पास मप्र के बाहर संपत्ति है। अफसरों ने सबसे ज्यादा निवेश कृषि भूमि और प्लॉट में किया है।

ये इलाके हैं खास
भोपाल में आइएएस अफसरों को जहां ज्यादा जमीन पसंद आई हैं, उन इलाकों में मेंडोरा, प्रेमपुरा, निपानिया जाट, सेमरी, हुजूर तहसील, बिसनखेड़ी, नर्मदापुरम रोड सहित अन्य इलाके हैं। इन इलाकों में आइएएस, आइपीएस व आइएफएस अफसरों की जमीनें हैं।

ये भी दिलचस्प
ज्यादातर अफसरों ने बालिग बेटे-बेटियों के नाम पर संपत्ति खरीदी है, जबकि जानकारी सिर्फ खुद के और पत्नी की संपत्ति की दी है।

नेता देते हैं पूरा ब्योरा
चुनाव में नेता निर्वाचन आयोग को अपनी पूरी सम्पत्ति का ब्योरा देते हैं, लेकिन अफसरों में ऐसा नहीं है। हालांकि पहले मप्र में भी कुछ अफसर पत्नी के जेवरात की जानकारी देते थे।

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